Deepfake वीडियो अपलोड करने वाले व प्लेटफार्म पर होगा जुर्माना, 10 दिनों में कार्ययोजना लाएगी सरकार
इलेक्ट्रानिक्स और आइटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने डीपफेक वीडियो को लोकतंत्र के लिए खतरा बताते हुए कहा कि अगले 10 दिनों में सरकार इसके नियमन के लिए स्पष्ट कार्ययोजना का मसौदा जारी करेगी। उन्होंने कहा कि डीपफेक वीडियो अपलोड करने वाले और प्लेटफार्म दोनों पर जुर्माना होगा। गुरुवार को वैष्णव ने सभी प्रमुख इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म शिक्षाविदों और टेक विशेषज्ञों के साथ इसको लेकर बैठक की।
By Jagran NewsEdited By: Paras PandeyUpdated: Fri, 24 Nov 2023 05:58 AM (IST)
ब्यूरो, नई दिल्ली। इलेक्ट्रानिक्स और आइटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने डीपफेक वीडियो को लोकतंत्र के लिए खतरा बताते हुए कहा कि अगले 10 दिनों में सरकार इसके नियमन के लिए स्पष्ट कार्ययोजना का मसौदा जारी करेगी। उन्होंने कहा कि डीपफेक वीडियो अपलोड करने वाले और प्लेटफार्म दोनों पर जुर्माना होगा। गुरुवार को वैष्णव ने सभी प्रमुख इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म, शिक्षाविदों और टेक विशेषज्ञों के साथ इसको लेकर बैठक की।
पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डीपफेक वीडियो को लेकर आगाह किया था। वैष्णव ने कहा कि प्रस्तावित मसौदा डीपफेक वीडियो की जांच व पहचान करने, उसे प्रसारित होने से रोकने, वीडियो के डीपफेक होने का पता चलने या शक होने पर उसकी जानकारी देने एवं डीपफेक को लेकर जागरूकता फैलाने जैसे चार मानकों को ध्यान में रखकर जारी किया जाएगा। नए नियम में डीपफेक वीडियो अपलोड करने वाले एवं जिस प्लेटफार्म पर उस वीडियो को अपलोड किया जाएगा, दोनों पर जुर्माना होगा। इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर डीपफेक वीडियो की जिम्मेदारी होगी।
अपलोड करने वाले के लिए सजा का भी प्रविधान हो सकता है। वीडियो विदेश से अपलोड किया गया हो, लेकिन वह भारत में दिख रहा है, तो उस पर भी प्रस्तावित नियम लागू होगा। इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म को ऐसी व्यवस्था करनी होगी जिससे यूजर को आसानी से पता चल सके कि कोई वीडियो असली है या डीपफेक। डीपफेक वीडियो को प्रसारित होने से रोकने के साथ ही डीपफेक वीडियो की सूचना देने का मैकेनिज्म इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म को तैयार करना होगा।
इससे यह फायदा होगा कि अगर किसी ने डीपफेक वीडियो डाल भी दिया तो वह लोगों तक नहीं पहुंच पाएगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) के माध्यम से इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म सभी वीडियो पर नजर रखेंगे, ताकि डीपफेक वीडियो को तुरंत चिह्नित किया जा सके। वैष्णव ने कहा, डीपफेक के रूप में नया खतरा उभर रहा है, जिसके तहत इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर आवाज या तस्वीर को लेकर फर्जी वीडियो या आडियो तैयार किया जाता है।
इसे रोकने के लिए सरकार और इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म दोनों अनिवार्य रूप से जागरूकता फैलाएंगे। डीपफेक के नियंत्रण के लिए नियामक नए कानून के रूप में आ सकता है या फिर जारी नियमों में उसे जोड़ा जा सकता है। प्रस्तावित मसौदे पर लोगों से राय लेने के बाद ही इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा, डीपफेक वीडियो को लेकर आगाह किए जाने के बाद से ही इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म ने इसे रोकने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है।