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मलेशिया की तीन दिवसीय यात्रा पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हुए रवाना, डिफेंस सहित कई क्षेत्रों पर होगी वार्ता

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार को तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर मलेशिया जाएंगे। उनकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य मलेशिया और भारत के बीच रक्षा सहयोग को गहरा करना है।बता दें कि राजनाथ सिंह और दातो सेरी मोहम्मद हसन साझा हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। राजनाथ सिंह मलेशिया के प्रधानमंत्री वाईबी दातो सेरी अनवर बिन इब्राहिम से भी मुलाकात करेंगे।

By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Sun, 09 Jul 2023 12:13 PM (IST)
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मलेशिया की तीन दिवसीय यात्रा पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हुए रवाना।
नई दिल्ली, एएनआई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार को तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर मलेशिया जाएंगे। उनकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य मलेशिया और भारत के बीच रक्षा सहयोग को गहरा करना है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा

आज, 9 जुलाई को मैं तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर मलेशिया के कुआलालंपुर पहुंचूंगा। मैं अपने समकक्ष दातो सेरी मोहम्मद हसन के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने और दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को गहरा करने के लिए उत्सुक हूं।

मलेशिया के पीएम और रक्षा मंत्री से करेंगे मुलाकात

बता दें कि राजनाथ सिंह और दातो सेरी मोहम्मद हसन साझा हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। राजनाथ सिंह मलेशिया के प्रधानमंत्री वाईबी दातो सेरी अनवर बिन इब्राहिम से भी मुलाकात करेंगे।

भारत और मलेशिया के बीच गहरे संबंध

रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया कि भारत और मलेशिया का पूरे क्षेत्र की शांति और समृद्धि में साझा हित है। दोनों देशों के बीच एक मजबूत और बहुआयामी संबंध है, जो रक्षा और सुरक्षा सहित कई रणनीतिक क्षेत्रों में विस्तारित हुआ है।

भारत-मलेशिया के बीच रुपये में व्यापार

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और मलेशिया के बीच गहरे एवं अच्छे संबंध हैं। मालूम हो कि अप्रैल में, भारत और मलेशिया भारतीय रुपये में व्यापार करने पर सहमत हुए हैं। यह घोषणा भारतीय व्यापार को यूक्रेन संकट के प्रभाव से बचाने के लिए चल रहे आधिकारिक प्रयासों की पृष्ठभूमि में आई है।

इससे पहले, इस जून में विदेश राज्य मंत्री (एमओएस) वी मुरलीधरन ने मलेशिया के मानव संसाधन मंत्री वी शिवकुमार से मुलाकात की थी और वे मलेशिया में भारतीय श्रमिकों के लिए सभी क्षेत्रों को खोलने पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने पर सहमत हुए थे।