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Defence Ministry: रक्षा क्षेत्र में 'आत्मनिर्भरता' की दिशा में बढ़ाया कदम, DGQA का किया पुनर्गठन

क्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और व्यापार करने में सुगमता यानी ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की दिशा में रक्षा मंत्रालय ने कदम बढ़ाया है। अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि इस फैसले का उद्देश्य गुणवत्ता जांचने वाली प्रक्रियाओं और परीक्षणों में तेजी लाने के साथ ही निर्णय लेने की लंबी प्रक्रिया को आसान बनाना है।यह कदम व्यापार करने में सुगमता और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा रिफार्म है।

By Agency Edited By: Sonu Gupta Updated: Thu, 28 Mar 2024 09:30 PM (IST)
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रक्षा उत्पादन विभाग ने जारी की डीजीक्यूए के पुनर्गठन की अधिसूचना। फाइल फोटो।
पीटीआई, नई दिल्ली। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और व्यापार करने में सुगमता यानी ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की दिशा में रक्षा मंत्रालय ने कदम बढ़ाया है। रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग ने गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय (डीजीक्यूए) के पुनर्गठन के लिए अधिसूचना जारी की है।

आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा रिफार्म

अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि इस फैसले का उद्देश्य गुणवत्ता जांचने वाली प्रक्रियाओं और परीक्षणों में तेजी लाने के साथ ही निर्णय लेने की लंबी प्रक्रिया को आसान बनाना है। यह कदम व्यापार करने में सुगमता और रक्षा क्षेत्र में 'आत्मनिर्भरता' की दिशा में बड़ा रिफार्म है। नई संरचना से सभी स्तरों पर संपूर्ण उपकरण/हथियार प्लेटफार्म के लिए एकल-बिंदु तकनीकी सहायता और उत्पाद-आधारित गुणवत्ता आश्वासन में एकरूपता आएगी।

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प्रूफ रेंज और परीक्षण सुविधाओं के पारदर्शी आवंटन के लिए रक्षा परीक्षण और मूल्यांकन संवर्धन के अलग निदेशालय का भी प्रावधान किया गया है। मंत्रालय ने कहा कि आयुध कारखानों के नए डीपीएसयू में निगमीकरण, निजी रक्षा उद्योग की बढ़ती भागीदारी और स्वदेशीकरण की दिशा में सरकार के प्रोत्साहन के साथ उभरते रक्षा विनिर्माण उद्योग को समर्थन के लिए डीजीक्यूए को पुनर्गठित करने की आवश्यकता महसूस की गई।

गुणवत्ता आश्वासन पद्धति में आएगी बदलाव  

अधिकारियों ने कहा कि इस पुनर्गठन से गुणवत्ता आश्वासन पद्धति में बदलाव आएगी। डीजीक्यूए पहले से ही रक्षा विनिर्माण ईकोसिस्टम में सभी हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद विभिन्न संगठनात्मक और कार्यात्मक सुधार कर रहा है।

इस व्यवस्था से डीजीक्यूए के साथ रक्षा उद्योग की भागीदारी में उल्लेखनीय सुधार होने की उम्मीद है। इससे आत्मनिर्भर भारत के तहत स्वदेशीकरण अभियान को बढ़ावा के साथ ही उच्च गुणवत्ता वाले योग्य रक्षा उत्पादों के निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा।

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