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रक्षा मंत्रालय ने उन फर्मों की नई सूची जारी की जिनके साथ रक्षा सौदों पर लगाई गई रोक, कुछ कंपनियों से हटा प्रतिबंध

रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) ने रविवार को उन फर्मों की एक नई सूची जारी की जिनके साथ रक्षा सौदों को निलंबित कर दिया गया है या रोक दिया गया है या खरीद को प्रतिबंधित कर दिया गया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Mon, 15 Nov 2021 01:14 AM (IST)
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रक्षा मंत्रालय ने उन फर्मों की एक नई सूची जारी की जिनके साथ रक्षा सौदों को रोक दिया गया है।
नई दिल्‍ली, एजेंसियां। रक्षा मंत्रालय ने रविवार को उन कंपनियों एक नई सूची जारी की जिनके साथ रक्षा सौदों को निलंबित कर दिया गया है या रोक दिया गया है या खरीद को प्रतिबंधित कर दिया गया है। इटली की अगस्ता वेस्टलैंड और उसकी मूल कंपनी लियोनार्डो एसपीए को इस सूची से बाहर रखा गया है। रक्षा मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में शतरें के साथ इन दोनों कंपनियों से प्रतिबंध हटा लिया था।

रक्षा मंत्रालय की तरफ इस सूची में कुल 23 कंपनियों के नाम हैं। समाचार एजेंसी आइएएनएस के मुताबिक इनमें से छह कंपनियों के साथ सौदों पर रोक लगाई गई है जिनमें सिंगापुर टेक्नोलाजी काइनेटिक लि. (एसटीके), इजरायल सैन्य उद्योग लि. (आइएमआइ), टीएस किसान कंपनी प्रा. लि., नई दिल्ली, आरके मशीन टूल्स लि. लुधियाना, रेनमेटल एयर डिफेंस (आरएडी), ज्यूरिख और कारपोरेशन डिफेंस, रूस शामिल हैं।

इसके अलावा 15 कंपनियों के साथ सौदे को निलंबित या होल्ड की श्रेणी में रखा गया है। जबकि दो कंपनियों को रक्षा खरीद के लिए प्रतिबंधित की श्रेणी में रखा गया है।

जिन कंपनियों के साथ सौदे को निलंबित किया गया है उनमें आइडीएस, ट्यूनिशिया, आइडीएस, मारीशस, यूनिटेक एंटरप्राइजेज, आइडीएस इंफोटेक लि. मोहाली, केल्विन इंजीनियरिंग, एटलस ग्रुप आफ कंपनी जिसमें एटलस टेलीकाम और एटलस डिफेंस सर्विस शामिल हैं और आफसेट इंडिया साल्यूशंस शामिल हैं। जबकि, रोल्स रायस और उसकी सहायक कंपनियों और चेक गणराज्य की टाट्रा ट्रक के साथ रक्षा सौदों को प्रातिबंधित किया गया है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा- हमने 209 चीजों की 'पॉजिटिव लिस्ट' जारी की है। इसके अलावा और भी चीजों की लिस्ट जारी करने पर विचार कर रहे हैं। हमारा फोकस मेक इन इंडिया और मेक फॉर द वर्ल्ड पर है। पहले हम 70 फीसद रक्षा सामान आयात करते थे अब हम रक्षा खरीद का केवल 35 फीसद ही आयात कर रहे हैं। पहले एक धारणा थी कि आतंकवाद से लड़ने की ताकत केवल अमेरिका और इस्राइल के पास है लेकिन अब हालात बदल चुके हैं आज दुनिया मानने लगी है कि भारत के पास भी आतंकवाद से लड़ने की ताकत है।