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MBKS Portal: 'मां भारती के सपूत' पोर्टल लांच, रक्षा मंत्री ने कहा- देश को कुछ वापस देने का समय

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि यह देशवासियों के लिए देश को कुछ वापस देने का समय है। उन्होंने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में मां भारती के सपूत (एमबीकेएस) वेबसाइट लान्च करने के बाद अपने संबोधन में यह बात कही। (फाइल फोटो)

By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Sat, 15 Oct 2022 12:01 AM (IST)
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लांच की 'मां भारती के सपूत' पोर्टल, देशवासियों से की मदद करने की अपील।

नई दिल्ली, एजेंसी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि यह देशवासियों के लिए देश को कुछ वापस देने का समय है। रक्षा मंत्री ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में 'मां भारती के सपूत' (एमबीकेएस) वेबसाइट लान्च करने के बाद अपने संबोधन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि शहीदों और घायल सैनिकों के परिवारों की मदद करना हमारा नैतिक और राष्ट्रीय कर्तव्य है, क्योंकि उन्होंने देश के लिए जो किया है, हम उसे कभी नहीं चुका सकते।

आम नागरिक सैनिकों के लिए कर सकेंगे योगदान

बता दें कि इस वेबसाइट के माध्यम से आम लोग सशस्त्र बल युद्ध हताहत कल्याण कोष (AFBCWF) में योगदान कर सकेंगे। सिंह ने कहा, 'जब हम सैनिकों या उनके परिवारों की मदद करते हैं, तो यह दान या एहसान की भावना से नहीं, बल्कि कृतज्ञता की भावना से होना चाहिए।' सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि AFBCWF एक त्रि-सेवा कोष है, जिसका उपयोग सक्रिय सैन्य अभियानों में शहीद या गंभीर रूप से घायल होने वाले सैनिकों, नौसेना और वायुसैनिकों के परिवारों को तत्काल वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए किया जाता है।

देश को कुछ वापस देने का समय- रक्षा मंत्री

राजनाथ सिंह ने कहा कि लोगों को व्यक्तिगत या संस्थागत प्रतिष्ठा से ऊपर उठकर देश, समाज और हमारे सैनिकों के लिए काम करना चाहिए। रक्षा मंत्री ने कहा, 'देश ने हमें बहुत कुछ दिया है। अब समय आ गया है कि हम राष्ट्र को कुछ वापस दें। देश के विकास की इस यात्रा में, कोई और महसूस करे या न करे, हमें यह महसूस करना चाहिए कि हम स्वतंत्र जिम्मेदार नागरिक हैं और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है।'

रक्षा मंत्री ने 1962 की बात याद की

रक्षा मंत्री ने कहा, 'स्वतंत्रता के बाद भी, युद्ध के समय में लोग सशस्त्र बलों के लिए योगदान करते हैं और खुले दिल से दान करते हैं। 1962 के युद्ध के दौरान, महिलाओं ने अपने कीमती आभूषणों की पेशकश की और कई लोगों ने राष्ट्र के आह्वान पर अपने जमां पूंजी को देश को दिया, जिससे कुछ आवश्यक हथियार खरीदने में मदद मिली और सैनिकों के लिए गोला-बारूद और कपड़े आए।' राजनाथ सिंह ने कहा कि जब वह केंद्रीय गृह मंत्री थे, तब उन्होंने 'भारत के वीर' पहल शुरू की गई थी, जिससे ड्यूटी के दौरान शहीद अर्धसैनिक बलों के जवानों के परिवारों की सहायता करने के अभूतपूर्व मदद मिली।

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