अमेरिका की यात्रा करेंगे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, सैन्य रणनीतिक सहयोग पर होगी खास बातचीत; बड़ी तैयारी में है भारत
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अमेरिका यात्रा के दौरान भारत-अमेरिका के बीच वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को सृदढ़ करने के मुद्दों पर ही नहीं बल्कि आपसी द्विपक्षीय सैन्य-रणनीतिक सहयोग पर भी खास बातचीत होगी।जीई इंजन के तकनीकी ट्रांसफर का मसला साफ नहीं होने के कारण भारतीय वायुसेना को हल्के लड़ाकू विमान एलसीए-1 तेजस को हासिल करने में देरी का सामना करना पड़ रहा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अमेरिका यात्रा के दौरान भारत-अमेरिका के बीच वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को सृदढ़ करने के मुद्दों पर ही नहीं बल्कि आपसी द्विपक्षीय सैन्य-रणनीतिक सहयोग पर भी खास बातचीत होगी।
विशेषकर भारत की 31 एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन खरीदने की भारत की तैयारी, सेना के स्ट्राइक ब्रिगेड के लिए लड़ाकू वाहनों के प्रस्तावित संयुक्त निर्माण के साथ वायुसेना के तेजस लड़ाकू विमानों के लिए जीई एफ-404 इंजन का भारत में सह-उत्पादन करने जैसे सहयोग के अहम मसलों पर बातचीत होगी।
रक्षा सहयोग से जुड़े इन मसलों पर चर्चा करेंगे
जीई इंजन के तकनीकी ट्रांसफर का मसला साफ नहीं होने के कारण भारतीय वायुसेना को हल्के लड़ाकू विमान एलसीए-1 तेजस को हासिल करने में देरी का सामना करना पड़ रहा है। 23-26 अगस्त तक राजनाथ सिंह अमेरिकी रक्षामंत्री लॉयड आस्टिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता में रक्षा सहयोग से जुड़े इन मसलों पर चर्चा करेंगे। रक्षामंत्री अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन समेत कुछ अन्य प्रमुख लोगों से मुलाकात करेंगे।रक्षा मंत्रालय के अनुसार इस यात्रा से भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और गहरा और व्यापक बनने की उम्मीद है। यह यात्रा दोनों देशों के संबंधों में बढ़ती गति और कई स्तरों पर रक्षा संबंधों की पृष्ठभूमि में हो रही है। रक्षामंत्री इस क्रम में अमेरिकी रक्षा उद्योग के साथ चल रहे सहयोग और भविष्य के रक्षा सहयोग पर एक उच्च स्तरीय गोलमेज बैठक की भी अध्यक्षता करेंगे। साथ ही वे भारतीय समुदाय से भी रूबरू होंगे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ऑस्टिन के साथ राजनाथ की बातचीत के दौरान एजेंडे में जो महत्वपूर्ण विषय होंगे उसमें भारत का जोर विशेष रूप से एलसीए1 तेजस के लिए जीई एफ-414 इंजन की उपलब्धता को त्वरित गति देने पर रहेगा। जीई-404 इंजनों की आपूर्ति में देरी के चलते भारतीय वायुसेना के एलएसी एमके-1ए के अधिग्रहण की समय-सीमा पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। इसकी वजह से वायुसेना को इस लड़ाकू विमान को उपलब्ध कराने की टाइमलाइन में बार-बार संशोधन करना पड़ रहा है। मालूम हो कि वायुसेना ने तेजस के अधिग्रहण की जब घोषणा की थी तब तेजस एमके-1ए लड़ाकू जेट मार्च 2024 तक मिल जाने का लक्ष्य रखा गया था। अमेरिकी कंपनी जीई और हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के बीच इस जेट इंजन का सौदा अपने अंतिम चरण में है।