रक्षा मंत्रालय खरीद में देरी करने वालों पर करें सख्त कार्रवाई, संसदीय समिति ने निगरानी तंत्र को सख्त करने का दिया सुझाव
देश की रक्षा तैयारियों में सैन्य उपकरण प्रबंधन को महत्वपूर्ण मानते हुए संसदीय समिति ने बड़ी मात्रा में अचल वस्तुओं का निपटान करने खरीद व्यव्स्था को सुव्यवस्थित करने और खरीद में देरी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की सिफारिश की है। समिति ने मौजूदा निगरानी तंत्र को और सख्त बनाने की भी वकालत की। लोक लेखा समिति ने लोकसभा में रिपोर्ट पेश की।
पीटीआई, नई दिल्ली। देश की रक्षा तैयारियों में सैन्य उपकरण प्रबंधन को महत्वपूर्ण मानते हुए संसदीय समिति ने बड़ी मात्रा में अचल वस्तुओं का निपटान करने, खरीद व्यव्स्था को सुव्यवस्थित करने और खरीद में देरी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की सिफारिश की है। समिति ने मौजूदा निगरानी तंत्र को और सख्त बनाने की भी वकालत की।
लोक लेखा समिति (पीएसी) ने गुरुवार को लोकसभा में पेश रिपोर्ट में कहा कि भारतीय सेना 4.5 लाख सैन्य उपकरणों का प्रबंधन कर रही है। ऐसे में प्रबंधन में आने वाली खामियों को तत्काल दूर किया जाए और प्रक्रिया को सुव्यवस्थित आगे बढ़ाया जाना जरूरी है।
देर करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए
इसमें बताया गया कि तीन केंद्रीय आयुध डिपो की 31 प्रतिशत अधिकृत सूची में अचल उपकरण शामिल हैं। इन उपकरणों की पांच साल से अधिक समय से न तो मांग की गई है और न ही जारी की गई है। समिति ने देरी को कम करने व खरीद प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए रक्षा मंत्रालय को नियुक्त किया और सिफारिश की कि खरीद प्रक्रिया में किसी भी देरी के लिए जवाबदेह प्रत्येक वर्ग अथवा व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
कारखानों के खिलाफ की गई कार्रवाई से अवगत कराएं
इसके साथ ही समिति ने मंत्रालय से लक्ष्य पूरा करने में चूक के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों (डीपीएसयू) और आयुध कारखानों के खिलाफ की गई कार्रवाई से भी अवगत कराने को कहा।
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