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COP29 में छाया दिल्ली प्रदूषण का मुद्दा; देश के कई शहरों का AQI 500 पार, विशेषज्ञों ने 'स्वास्थ्य आपातकाल' घोषित किया

Delhi Air Pollution पर्यावरण विशेषज्ञों ने दिल्ली के प्रदूषण पर ना सिर्फ चिंता जताई बल्कि प्रयासों को लेकर भी बात की। विशेषज्ञों ने वायु प्रदूषण की वजह से स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में आगाह किया है और तत्काल ग्लोबल एक्शन का आह्वान किया है। क्लाइमेट ट्रेंड्स की निदेशक आरती खोसला ने कहा कि प्रदूषण का कोई एक वजह इस संकट के लिए जिम्मेदार नहीं है बल्कि इसके कई कारण हैं।

By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Updated: Tue, 19 Nov 2024 10:47 AM (IST)
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COP29 समिट में दिल्ली की जहरीली हवा पर चर्चा हुई।(फोटो सोर्स: जागरण)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली-NCR समेत देश के कई शहरों में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक जा पहुंचा है। सोमवार को दिल्ली के कई इलाकों में AQI 1000 के पार पहुंच गया। पटना में आज AQI 350 दर्ज किया गया। वहीं, लखनऊ में वायु प्रदूषण स्तर 321 तक पहुंच चुका है।

वहीं, दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय मंच पर दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण की चर्चा हो रही है। अजरबैजान की राजधानी बाकू में पर्यावरण को लेकर आयोजित COP29 समिट में दिल्ली की जहरीली हवा पर चर्चा हुई।

विशेषज्ञों ने वायु प्रदूषण पर जताई चिंता 

पर्यावरण विशेषज्ञों ने दिल्ली के प्रदूषण पर ना सिर्फ चिंता जताई, बल्कि प्रयासों को लेकर भी बात की। विशेषज्ञों ने वायु प्रदूषण की वजह से स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में आगाह किया है और तत्काल ग्लोबल एक्शन का आह्वान किया है।

क्लाइमेट ट्रेंड्स की निदेशक आरती खोसला ने कहा कि प्रदूषण का कोई एक वजह इस संकट के लिए जिम्मेदार नहीं है, बल्कि इसके कई कारण हैं। ब्लैक कार्बन, ओजोन, जीवाश्म ईंधन जलाने और खेतों में आग लगाने से निकलने वाला धुओं की वजह से दिल्ली-NCR सहित देशभर में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ चुका है। सर्दी की वजह से हवा में प्रदूषण ज्यादा वक्त तक रहता है। हवा की रफ्तार भी काफी धीमी हो गई है।

'वायु प्रदूषण से लड़ना अमीर देशों के लिए भी आसान नहीं' 

ग्लोबल क्लाइमेट एंड हेल्थ एलायंस के उपाध्यक्ष कर्टनी हॉवर्ड ने भी वायु प्रदूषण पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि साल 2023 में कनाडा की जंगल में लगी आग को बुझाना एक चुनौती से कम नहीं थी। प्रदूषण से निपटना कनाडा जैसे अमीर देशों के लिए भी मुश्किल है। हमें आपदाओं से निपटने के लिए गरीब देशों की वित्तीय मदद करने की जरूरत है।

बच्चों की भविष्य के साथ हो रहा खिलवाड़:  एनखुन ब्याम्बादोर्ज

ब्रीथ मंगोलिया के को-फाउंडर एनखुन ब्याम्बादोर्ज ने प्रदूषण की वजह से बच्चों के फेफड़ों पर हो रहे नुकसान पर चिंता जाहिर की। हम जिस समाज में सांस ले रहे हैं, उस समाज का वातावरण हमने खुद बनाया है। वायु प्रदूषण हमारे देश के बच्चों की भविष्य के लिए खतरा है।

ट ऑफ ग्लोबल एयर 2024 के अनुसार, 2021 में वैश्विक स्तर पर वायु प्रदूषण की वजह से करीब 80 लाख लोगों की मौत हो गई। सिर्फ भारत में 21 लाख लोगों की जान चली गई।

भारत ने क्या कहा? 

भारत के केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के संयुक्त सचिव नरेश पाल गंगवार ने COP29 के दौरान देश में बढ़ते वायु प्रदूषण पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से सीमाओं के पार वायु प्रदूषण को प्रबंधित करने और कम करने के लिए सक्रिय, सहयोगात्मक कदम उठाने की जरूरत है।

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