Move to Jagran APP

Delhi: 'अफसर सरकार के आदेश का पालन नहीं कर रहे...', एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंची केजरीवाल सरकार

आम आदमी पार्टी की अरविंद केजरीवाल सरकार ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दिल्ली सरकार ने शीर्ष कोर्ट से अपील करते हुए कहा है कि केंद्र सरकार के एनसीटीडी (संशोधन) अधिनियम 2023 पर जल्द से जल्द सुनवाई की जाए। दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अफसर सरकार के आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Abhinav AtreyUpdated: Wed, 27 Sep 2023 11:47 AM (IST)
Hero Image
अरविंद केजरीवाल सरकार ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया (फाइल फोटो)
नई दिल्ली, एजेंसी। आम आदमी पार्टी की अरविंद केजरीवाल सरकार ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। दिल्ली सरकार ने शीर्ष कोर्ट से अपील करते हुए कहा है कि केंद्र सरकार के एनसीटीडी (संशोधन) अधिनियम, 2023 पर जल्द से जल्द सुनवाई की जाए।

दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अफसर सरकार के आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और केंद्र सरकार से चार हफ्ते में मामले का संकलन तैयार करने को कहा।

ये भी पढ़ें: Manipur Violence: मणिपुर की ताजा हिंसा पर खरगे ने पीएम मोदी को घेरा, मुख्यमंत्री को बर्खास्त करने की मांग

पांच जजों की संविधान पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने की मांग

चीफ जस्टिस न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ से दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने आग्रह किया कि मामले को तत्काल सुनवाई के लिए पांच जजों की संविधान पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए।

कुछ समय बाद सूचीबद्ध किया जा सकता- सीजेआई

सिंघवी ने कहा, "मैं दिल्ली सरकार की पीड़ा को व्यक्त नहीं कर सकता।" "संविधान पीठ के पुराने मामले हैं। हम सूचीबद्ध कर रहे हैं और दो सो सात-जजों की पीठ के मामले भी आ रहे हैं। ये सभी भी महत्वपूर्ण हैं और वर्षों से लंबित हैं।" सीजेआई ने कहा, इसे कुछ समय बाद सूचीबद्ध किया जा सकता है। हालांकि, पीठ ने सिंघवी और एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन को एक साथ बैठकर इस विवाद में संविधान पीठ द्वारा तय किए जाने वाले कानूनी प्रश्नों पर निर्णय लेने के लिए कहा।

राष्ट्रपति से मंजूरी के बाद बना कानून

केंद्र के नए एनसीटीडी (संशोधन) कानून, 2023 संसद के दोनों सदनों से पास हो चुका है और राष्ट्रपति से भी इसकी मंजूरी मिल गई है। यह कानून केंद्र सरकार को दिल्ली सरकार में नौकरशाहों पर नियंत्रण देता है। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा था।

बता दें कि दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2023 के कानून बनने के बाद राजधानी में उपराज्यपाल को अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग पर अंतिम फैसला करने का अधिकार है।