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Railway द्वारा दूषित पेयजल की आपूर्ति मामले में Delhi High Court सख्त, नई रिपोर्ट दाखिल करने का दिया निर्देश

दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को भारतीय रेलवे को यात्रियों को दूषित पेयजल की कथित आपूर्ति और क्लोरीनेशन संयंत्र (Chlorination Plant) लगाने के लिए ठेके देने में हेरफेर से संबंधित मामले में एक नई स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Wed, 12 Oct 2022 05:29 PM (IST)
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दूषित पेयजल की कथित आपूर्ति पर दिल्ली हाई कोर्ट सख्त। (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, पीटीआइ। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को भारतीय रेलवे को यात्रियों को दूषित पेयजल की कथित आपूर्ति और क्लोरीनेशन संयंत्र (Chlorination Plant) लगाने के लिए ठेके देने में हेरफेर से संबंधित मामले में एक नई स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। याचिकाकर्ता के वकील ने मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ को बताया कि इस मामले में रेलवे ने अक्टूबर 2019 में अंतिम स्थिति रिपोर्ट दायर की थी।

अदालत की निगरानी में जांच कराने की मांग

पीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए छह सप्ताह के भीतर एक नई स्थिति रिपोर्ट दर्ज करने को कहा। हाई कोर्ट सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन नाम की एक एनजीओ की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इस याचिका में आपूर्ति किए जा रहे पेयजल की गुणवत्ता में कथित लापरवाही और क्लोरीनीकरण संयंत्रों की स्थापना के लिए ठेके देने में हेराफेरी के संबंध में अदालत की निगरानी में जांच की मांग की गई है।

कोर्ट पहले भी उठा चुका है सवाल

मालूम हो कि उच्च न्यायालय ने रेलवे के किराए में वृद्धि के फैसलों पर भी सवाल उठा चुका है। रेलवे ने पहले भी सुनवाई करते हुए यात्रियों को दूषित पानी देना बंद करने के लिए कहा था। कोर्ट ने कहा था कि इस मामले को रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष के सामने रखा जाए, जो यात्रियों को उपलब्ध कराए गए पानी के प्रकार पर एक रिपोर्ट देंगे। इस रिपोर्ट को रेलवे मंत्रालय के समाने भी रखी जाएगी।

रेलवे नहीं कर रहा है मानकों का पालन

एनजीओ के वकीलों ने पहले कहा था कि रेलवे न तो भारतीय मानक ब्यूरो (Bureau Of Indian Standards) द्वारा पीने के पानी के लिए निर्धारित मानकों का पालन कर रहा है और न ही भारतीय रेलवे मेडिकल मैनुअल (Indian Railways Medical Manual) का पालन कर रहा है। एनजीओ ने अपने याचिका में आरोप लगाया है कि भारतीय रेलवे ने लंबे समय तक पानी की आपूर्ति की गुणवत्ता में लापरवाही बरत रहा था। हाल ही में सामने आए रिकार्ड से पता चलता है कि कई वर्षों से रेलवे द्वारा दी जा रही पानी की गुणवत्ता बहुत असंतोषजनक रही है।

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