दिल्ली में 24 साल पहले सहकर्मी का किया था मर्डर, कई शहर बदले; पुलिस ने दो दशक बाद आरोपी को बिहार से किया गिरफ्तार
डीसीपी कुमार ने बताया कि पूछताछ के दौरान आरोपी ने अन्य तीन आरोपियों के साथ हत्या में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है। यह हत्या पप्पू और मृतक रामस्वरूप के बीच हुए विवाद के बाद की गई थी। आरोपी ने बताया कि उन्होंने रामस्वरूप की गला घोंटकर हत्या कर दी और उसके शव को फैक्ट्री के अंदर कमरे में प्लास्टिक की परतों के नीचे छिपा दिया था।
पीटीआई, नई दिल्ली। कहते हैं कोई अपराध करके भले ही भूल जाए लेकिन पुलिस कभी नहीं भूलती। पुलिस अपराधी का तब तक पीछा करती है जब तक अपराधी पकड़ में ना आ जाए। दरअसल, दिल्ली पुलिस ने शनिवार को राजधानी के उत्तम नगर इलाके में अपने सहकर्मी की हत्या करने वाला शख्स को 24 साल बाद बिहार से गिरफ्तार किया है।
आरोपी साकेंद्र कुमार बिहार के नालंदा जिले का रहने वाला है। डीसीपी क्राइम ब्रांच सतीश कुमार ने बताया कि साकेंद्र कुमार ने पप्पू यादव, मंटू और विजय के साथ मिलकर साल 2000 में अपने सहकर्मी रामस्वरूप की गला घोंटकर हत्या कर दी थी।
कोर्ट ने आरोपियों को भगोड़ा घोषित किया था
डीसीपी ने बताया कि रामस्वरूप का क्षत-विक्षत शव फैक्ट्री में प्लास्टिक की थैलियों के नीचे से बरामद किया गया था। जांच के दौरान मंटू को गिरफ्तार किया गया, लेकिन अन्य लोग फरार रहे। कोर्ट ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया था।आरोपी को नालंदा के गांव में छापा मारा गिरफ्तार किया
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि हाल ही में दिल्ली पुलिस को साकेंद्र कुमार के ठिकाने के बारे में सूचना मिली थी, जिसके बाद उन्होंने बिहार के नालंदा स्थित गांव में छापा मारा और उसे गिरफ्तार कर लिया।
साकेन्द्र ने हत्या में अपनी संलिप्तता स्वीकार की
डीसीपी कुमार ने बताया कि पूछताछ के दौरान साकेन्द्र ने अन्य तीन आरोपियों के साथ हत्या में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है। उन्होंने बताया कि यह हत्या पप्पू और मृतक रामस्वरूप के बीच हुए विवाद के बाद की गई थी। आरोपी साकेन्द्र ने बताया कि उन्होंने रामस्वरूप की गला घोंटकर हत्या कर दी और उसके शव को फैक्ट्री के अंदर कमरे में प्लास्टिक की परतों के नीचे छिपा दिया था।अलग-अलग शहरों में छिपता रहा आरोपी
वहीं, सकेन्दर गिरफ्तारी से बचने के लिए दिल्ली से भाग गया और अलग-अलग शहरों में छिपता रहा। पुलिस ने बताया कि सालों बाद उसने पटना में एक किराना होम डिलीवरी कंपनी में नौकरी कर ली और अपने परिवार के साथ वहीं बस गया। मामले की आगे जांच जारी है।ये भी पढ़ें: Friendship Day: अटल-आडवाणी, मोदी-शाह से केजरीवाल-सिसोदिया तक, राजनीतिक जगत में ये दोस्ती बनीं मिसाल; मुश्किल समय में भी रहे साथ