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गंभीर अपराध के आरोपितों के चुनाव लड़ने पर रोक की मांग, SC ने केंद्र और आयोग को जारी किया नोटिस

शीर्ष अदालत वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में केंद्र और चुनाव आयोग को यह मांग भी की गई है कि वे ऐसे प्रत्याशियों को पर भी रोक लगाने के लिए कदम उठाएं जिन पर गंभीर अपराधों में मुकदमा चलाया जा रहा है।

By AgencyEdited By: Arun kumar SinghUpdated: Wed, 28 Sep 2022 07:33 PM (IST)
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शीर्ष अदालत वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को उस याचिका पर नोटिस जारी किया जिसमें ऐसे लोगों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की गई है जिनके विरुद्ध गंभीर अपराधों में आरोप तय किए गए हैं।जस्टिस केएम जोसेफ और हृषिकेश राय की पीठ ने कानून एवं न्याय मंत्रालय, गृह मंत्रालय और चुनाव आयोग से जवाब मांगा है।

सुप्रीम कोर्ट में याचिका, कहा- विधि आयोग की सिफारिशों के बावजूद नहीं उठाए गए कदम

शीर्ष अदालत वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को यह निर्देश देने की मांग भी की गई है कि वे ऐसे प्रत्याशियों को पर भी रोक लगाने के लिए कदम उठाएं जिनके खिलाफ गंभीर अपराधों में मुकदमा चलाया जा रहा है। याचिका में दावा किया गया है कि विधि आयोग की सिफारिशों और अदालत के पहले के निर्देशों के बावजूद केंद्र और चुनाव आयोग ने इस संबंध में कोई कदम नहीं उठाया है।

2019 में लोकसभा चुनाव में 233 प्रत्‍याशियों ने अपने विरुद्ध आपराधिक मामलों की घोषणा की

याचिका के मुताबिक, 2019 के लोकसभा चुनाव में विजयी 539 प्रत्याशियों में से 233 (43 प्रतिशत) ने अपने विरुद्ध आपराधिक मामलों की घोषणा की है। 2009 से ऐसे सांसदों की संख्या में 109 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जिन्होंने अपने विरुद्ध गंभीर आपराधिक मामलों की घोषणा की है। एक सांसद ऐसा था जिसने अपने विरुद्ध 204 आपराधिक मामलों की घोषणा की थी।

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