बेंगलुरु-मैसुर एक्सप्रेस-वे पर टोल वसूली के विरोध में प्रदर्शन, बीते दिनों पीएम मोदी ने किया था उद्घाटन
टोल कर संग्रह शुरू करने के पहले दिन कुछ तकनीकी खामी भी आई जिससे अफरा-तफरी की स्थिति रही और वाहनों को जाम की वजह से कतार में खड़ा होना पड़ा। इस रास्ते पर रोजाना चलने वाले कई कैब चालकों ने भी एनएचएआई अधिकारियों के कुप्रबंधन की निंदा की।
By Jagran NewsEdited By: Amit SinghUpdated: Wed, 15 Mar 2023 12:24 AM (IST)
रामनगर (कर्नाटक), पीटीआई: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बेंगलुरु-मैसुर एक्सप्रेस-वे राष्ट्र को समर्पित किए जाने के दो दिन बाद उस पर बने टोल बूथ पर मंगलवार को कई संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा स्थानीय लोगों के लिए उचित सर्विस रोड और पास बनाए बिना टोल कर की वसूली किए जाने का विरोध किया। इस प्रदर्शन में कांग्रेस कार्यकर्ता भी शामिल हुए।
टोल शुल्क एकत्र करने का विरोध
प्रदर्शनकारियों ने परियोजना पूरी होने तक टोल शुल्क एकत्र करने का विरोध किया। उन्होंने सर्विस रोड का निर्माण नहीं किए जाने और टोल शुल्क की कथित उच्च दर होने पर भी आपत्ति जताई। भारी पुलिस बल के बीच प्रदर्शनकारियों ने न्याय की मांग को लेकर नारेबाजी की और सरकार की आलोचना की। कुछ प्रदर्शनकारियों ने टोल बूथ को ध्वस्त करने की धमकी दी। पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है।
पहले दिन भी रही अफरा-तफरी
टोल कर संग्रह शुरू करने के पहले दिन कुछ तकनीकी खामी भी आई जिससे अफरा-तफरी की स्थिति रही और वाहनों को जाम की वजह से कतार में खड़ा होना पड़ा। इस रास्ते पर रोजाना चलने वाले कई कैब चालकों ने भी एनएचएआई अधिकारियों के कुप्रबंधन की निंदा की।कई प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया
पुलिसकर्मियों की भारी उपस्थिति के बीच, प्रदर्शनकारियों ने न्याय की मांग के नारे लगाए और सरकार की आलोचना भी की, जबकि कुछ ने टोल प्लाजा को पूरी तरह से नष्ट करने की धमकी भी दी। कई प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया।