यूपी, बिहार समेत कई राज्यों में डेंगू का कहर; जरा-सी लापरवाही पड़ सकती है भारी
डेंगू अमूमन दो से पांच दिनों के भीतर गंभीर रूप धारण कर लेता है। ऐसी स्थिति में मरीज को बुखार आना बंद हो सकता है। वह समझने लगता है कि बीमारी ठीक होने की दिशा में है लेकिन ऐसा होता नहीं है बल्कि यह स्थिति और भी खतरनाक होती है।
By TilakrajEdited By: Updated: Sat, 18 Sep 2021 02:08 PM (IST)
श्वेता गोयल। अभी हम कोरोना संक्रमण के कहर से पूरी तरह उबरे भी नहीं कि डेंगू ने कोहराम मचाना शुरू कर दिया है। इन दिनों उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र सहित देश के कई राज्यों के तमाम इलाके डेंगू और वायरल बुखार के कोप से जूझ रहे हैं। डेंगू के एक नए प्रतिरूप ने तो स्वास्थ्य तंत्र के समक्ष एक नई चुनौती ही खड़ी कर दी है। डेंगू की भयावहता का अंदाजा इसी पहलू से लगाया जा सकता है कि समय से उपचार न मिलने के कारण रोगी की मौत भी हो जाती है। बीते दिनों कई इलाकों में मौत के आंकड़े इसकी पुष्टि भी करते हैं।
बिना देर किए शुरू करें उपचारवैसे देश में ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। मानसून के दौरान और उसकी विदाई के बीच डेंगू और मच्छर जनित बीमारियों का बोलबाला बहुत सामान्य सी बात है। इसके बावजूद हर साल की वही कहानी शासन-प्रशासन से लेकर सामुदायिक स्तर पर लापरवाही को ही दर्शाती है। तमाम अन्य बीमारियों की तरह डेंगू से बचाव का सबसे कारगर उपाय यही है कि उसकी चपेट में ही न आया जाए। चूंकि यह मच्छर के कारण फैलता है और मच्छर गंदगी और ठहरे हुए पानी में पनपते हैं, तो आवश्यक है कि अपने आसपास स्वच्छता का पर्याप्त ध्यान रखा जाए। फिर भी यदि इस बीमारी की जद में व्यक्ति आ जाए तो उसे बिना देर किए अपना उपचार शुरू करना चाहिए।
दो से पांच दिनों के भीतर गंभीर रूप धारण कर लेता है डेंगूडेंगू अमूमन दो से पांच दिनों के भीतर गंभीर रूप धारण कर लेता है। ऐसी स्थिति में मरीज को बुखार आना बंद हो सकता है और वह समझने लगता है कि बीमारी ठीक होने की दिशा में है, लेकिन वास्तव में ऐसा होता नहीं है, बल्कि यह स्थिति और भी खतरनाक होती है। ऐसे में डेंगू से बचाव के लिए लोगों का जागरूक होना बेहद जरूरी है, क्योंकि उचित सावधानियां और सतर्कता बरतकर ही इस जानलेवा बीमारी से बचा जा सकता है। इसलिए अपने आसपास के स्थान की समुचित साफ-सफाई बहुत जरूरी है।
तुलसी और नारियल पानी का उपयोग होगा लाभकारीअमूमन देखा जाता है कि लोग घरों की साफ-सफाई तो कर लेते हैं, लेकिन आसपास की चिंता नहीं करते। इस स्तर पर बरती गई लापरवाही बहुत भारी पड़ती है। डेंगू से पीड़ित मरीज को पौष्टिक और संतुलित आहार देना बहुत आवश्यक है। घरेलू नुस्खों में तुलसी का उपयोग काफी लाभकरी माना जाता है। नारियल पानी भी एक अच्छा विकल्प है, जिसमें काफी मात्र में इलेक्ट्रोलाइट्स होते हैं। साथ ही यह मिनरल्स का भी अच्छा स्रोत है, जो शरीर में ब्लड सेल्स की कमी को पूरा करने में मदद करते हैं।
विटामिन सी शरीर के इम्यून सिस्टम को सही रखने में मददगार होता है। इसलिए आंवला और संतरा जैसे विटामिन सी से भरपूर फलों का सेवन करते रहें। इसके बावजूद स्थिति थोड़ी भी बिगड़ती दिखे तो तुरंत अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए, क्योंकि इलाज में जरा-सी लापरवाही बहुत भारी पड़ सकती है।(लेखिक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं)