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Assam Flood: बाढ़ का पानी कम होने के बावजूद नहीं हो रही पीड़ितों की दिक्कतें कम, ग्रामीण अभी भी सड़कों पर रहने को मजबूर

असम में भारी बारिश के बाद आई बाढ़ के कारण कई लोग प्रभावित हुए। बाढ़ का पानी भले ही कुछ जगहों पर कम हो गया हो लेकिन अभी भी ग्रामीणों की हालत पहले जैसी ही है। कई ग्रामीण अभी अस्थाई तंबू और सड़कों पर रहने के लिए मजबूर हैं क्योंकि उनके घरों में अभी भी बाढ़ का पानी भरा हुआ है।

By Jagran News Edited By: Versha Singh Updated: Thu, 18 Jul 2024 01:54 PM (IST)
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असम में बाढ़ के कारण पीड़ितों को हो रही परेशानी (फोटो- सोशल मीडिया)

एएनआई, गोआलपाड़ा (असम)। असम में बाढ़ का पानी भले ही कम हो गया हो लेकिन इसके बावजूद बाढ़ के पानी के कारण लोगों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।

इस साल बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में से एक गोलपारा भी है। जिले में कई लोग अभी भी सड़कों और तटबंधों पर रह रहे हैं क्योंकि बाढ़ का पानी अभी भी उनके घरों में भरा हुआ है।

कई किसानों के घरों में अभी भी भरा है पानी

ब्रह्मपुत्र नदी के बाढ़ के पानी से फसलों को नुकसान पहुंचने और बड़ी संख्या में फसल क्षेत्रों के जलमग्न हो जाने से जिले के कई किसान प्रभावित हुए हैं।

ग्वालपाड़ा जिले के पचिम कथुरी गांव के किसान सनुआर हुसैन ने एएनआई को बताया कि उन्होंने खेती के लिए बैंक से कर्ज लिया था, लेकिन बाढ़ के पानी ने सारी फसलें बर्बाद कर दीं।

सनुआर हुसैन ने कहा कि बाढ़ का पानी अभी भी यहाँ है और हम पिछले 15 दिनों से इसी सड़क पर रह रहे हैं। मेरे घर में अभी भी 5 फीट पानी भरा हुआ है। बाढ़ के पानी ने मेरी सारी फसलें बर्बाद कर दी हैं। अब मेरे पास पैसे नहीं हैं। मुझे नहीं पता कि मैं अपना कर्ज कैसे चुकाऊँगा। अगर सरकार कर्ज माफ नहीं करेगी तो हम मर जाएँगे। बाढ़ की वजह से हमें बहुत परेशानी हुई है। बाढ़ में घर का बहुत सारा सामान बर्बाद हो गया है।

कई ग्रामीण सड़कों पर रहने को मजबूर

उन्होंने आगे बताया कि कई ग्रामीण सड़कों पर रहने के लिए मजबूर हैं। पचिम कथूरी गांव की बाढ़ पीड़ित अनुवारा खातून ने बताया कि उनका परिवार अब अस्थायी तंबू में रह रहा है।

अनुवारा खातून ने कहा, हम अपने घर वापस नहीं जा सकते क्योंकि अभी भी बाढ़ का पानी भरा हुआ है। जब बाढ़ का पानी हमारे घर में घुसा तो हम अपना घरेलू सामान बाहर नहीं निकाल पाए। मेरे पति दिहाड़ी मजदूर हैं, लेकिन अब बाढ़ के समय उन्हें कोई काम नहीं मिल रहा है।

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुसार, इस वर्ष बाढ़ के दौरान राज्य में अब तक 97 लोगों की मौत हो चुकी है।

राज्य भर में बाढ़ की स्थिति में सुधार हो रहा है और नदियों का जलस्तर भी घट रहा है, लेकिन 14 जिलों के 3.55 लाख लोग अभी भी बाढ़ से प्रभावित हैं।

37 राजस्व सर्किलों के अंतर्गत 823 गांव अभी भी जलमग्न हैं।

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