'केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड नए सिरे से हो रहा तैयार', धर्मेंद्र प्रधान बोले- शिक्षा प्रणाली की मांग अब अलग
Dharmendra Pradhan on Central Education Advisory Board केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि शिक्षा के बारे में नीतिगत फैसलों पर सरकार को सलाह देने वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (CABE) को फिर से तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सीएबीई का पुराना संस्करण बहुत व्यापक था लेकिन आज की शिक्षा प्रणाली की मांगें अलग हैं।
By AgencyEdited By: Mohd FaisalUpdated: Sun, 08 Oct 2023 05:41 PM (IST)
पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि शिक्षा के बारे में नीतिगत फैसलों पर सरकार को सलाह देने वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (CABE) को फिर से तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सीएबीई का पुराना संस्करण बहुत व्यापक था, लेकिन आज की शिक्षा प्रणाली की मांगें अलग हैं।
साल 2019 में हुई थी सीएबीई की आखिरी बैठक
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि ऐसे समय में जब नई शिक्षा नीति को लागू करके एक बड़ा बदलाव किया जा रहा है, तब कैब को फिर से तैयार करने की जरूरत है क्योंकि आज की शिक्षा प्रणाली की मांग अलग है। बता दें कि सीएबीई की आखिरी बैठक सितंबर 2019 में हुई थी और प्रधान ने सलाहकार बोर्ड की किसी भी बैठक की अध्यक्षता नहीं की है।
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CABE का किया जा रहा पुनर्गठन
प्रधान ने बताया कि CABE का पुनर्गठन किया जा रहा है। सीएबीई का पुराना संस्करण बहुत व्यापक था, लेकिन आज की शिक्षा प्रणाली की मांगें अलग हैं। ऐसे समय में जब हम नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के साथ महत्वपूर्ण बदलाव कर रहे हैं तो सीएबीई को भी नया रूप देने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि सीएबीई इस बात की समीक्षा करेगा कि अब क्या पेश किया जा रहा है। चाहे वह नया पाठ्यक्रम हो या फिर नया क्रेडिट ढांचा, संबद्धता का विषय हो या कोई अन्य सुधार हो। उन्होंने कहा कि विभाग इसको लेकर काम कर रहे हैं।'10वीं और 12वी की बोर्ड परीक्षाओं में साल में दो बार शामिल होना अनिवार्य नहीं'
इसके साथ ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं में साल में दो बार शामिल होना अनिवार्य नहीं होगा। उन्होंने बताया कि 10वीं और 12वीं कक्षाओं की बोर्ड परीक्षा में शामिल होने का विकल्प होगा। छात्र अपना सर्वश्रेष्ठ स्कोर चुन सकते हैं, लेकिन यह पूरी तरह से वैकल्पिक होगा, इसमें कोई बाध्यता नहीं होगी।
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