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2026 के बाद नहीं दौड़ेंगे डीजल ऑटो रिक्शा, ओवरएज वाहनों को हटाने की तैयारी; NCR में बसों के लिए बना नया प्लान

पर्यावरण से जुड़ी एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में मौजूदा समय में करीब 1.50 करोड़ वाहन रजिस्टर्ड है जो हर साल करीब छह प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ रहे है जबकि इनमें इलेक्टि्रक वाहनों की संख्या सिर्फ 3 लाख ही है। कुल रजिस्टर्ड वाहनों में करीब 90 लाख दोपहिया वाहन है। गौरतलब है कि एनसीआर में मौजूदा समय में दिल्ली के अतिरिक्त पड़ोसी राज्यों के करीब 26 जिले शामिल है।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Thu, 17 Oct 2024 10:18 PM (IST)
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वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर सख्ती (File Photo)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में हर साल अक्टूबर-नवंबर महीने में बढ़ने वाले वायु प्रदूषण के पीछे भले ही पराली एक बड़ी वजह है लेकिन इन हवाओं को जानलेवा बनाने में वाहनों से निकलने वाला जहरीला धुआं दूसरी बड़ी वजह है।

डीजल वाले ऑटो रिक्शा से मुक्ति

बढ़े प्रदूषण में इसकी हिस्सेदारी 40 प्रतिशत से अधिक होती है। जो पीएम (पार्टीकुलेट मैटर) -10 के स्तर को कम लेकिन पीएम (पार्टीकुलेट मैटर)-2.5 के स्तर को ज्यादा प्रभावित करती है। यही वजह है कि इससे निपटने के लिए केंद्र सरकार ने कई सख्त कदम उठाए है। जिसमें 2026 तक एनसीआर के सभी जिलों को डीजल से दौड़ने वाले ऑटो रिक्शा से मुक्ति दिलाई जाएगी।

बसों को इलेक्ट्रिक में शिफ्ट करने की योजना

इसके पहले चरण में इसी साल दिसंबर तक नोयडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद को डीजल ऑटो रिक्शा से मुक्ति मिल जाएगी। दिल्ली में हर दिन दूसरे राज्यों से आने वाले बसों को बीएस-6 या फिर सीएनजी व इलेक्ट्रिक वाहनों में शिफ्ट करने की योजना है।

ओवरएज वाहनों को हटाने की तैयारी

मौजूदा समय में दिल्ली आने वाली इन बसों की संख्या 17 सौ से अधिक है। इस साल दिसंबर तक इस बसों को बीएस-6 या सीएनजी, इलेक्टि्रक में शिफ्ट करने का लक्ष्य है। इसके अतिरिक्त ओवरएज हो चुके वाहनों को भी सड़कों से हटाने की तैयारी है।

कहां-कितने ओवरएज वाहन?

अकेले दिल्ली में मौजूदा समय में 59 लाख से अधिक ओवरएज वाहन है, वहीं उत्तर प्रदेश में करीब 12 लाख, हरियाणा में करीब 27 लाख, राजस्थान में करीब छह लाख है। हालांकि, सख्ती न होने के चलते यह सभी वाहनों अभी भी सड़कों पर दौड़ रहे है।

दिल्ली-एनसीआर में वाहनों से होने वाला प्रदूषण एक नजर में

  • वायु प्रदूषण में वाहनों से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी- 30 प्रतिशत से अधिक
  • पीएम- 2.5 में हिस्सेदारी- करीब 40 प्रतिशत
  • पीएम-10 में हिस्सेदारी- 20 प्रतिशत
  • दिल्ली में कुल वाहन की संख्या- 1.50 करोड़
  • इनमें आयु पूरी कर चुके वाहनों की संख्या- 59 लाख
  • ई-वाहनों की संख्या- करीब तीन लाख।
  • हर दिन दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों की संख्या- करीब एक लाख।

अगले साल तक दिल्ली में होंगे 18 हजार चार्जिंग प्वाइंट

वाहनों से होने वाले प्रदूषण से निपटने के लिए मौजूदा समय में सिर्फ इलेक्टि्रक वाहनों को ही प्रमोट करने में केंद्र व राज्य सरकारें जुटी हैं। इसके तहत इन वाहनों की खरीदी में सब्सिडी भी दी जा रही है। इसके साथ ही दिल्ली में वर्ष 2025-26 तक 18 हजार चार्जिंग प्वाइंट बनाने की भी योजना बनाई गई है। यह बात अलग है कि पहले जो भी चार्जिंग स्टेशन और प्वाइंट बनाए गए थे, उनमें से ज्यादातर बंद या खराब पड़े है।

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