Move to Jagran APP

वित्त वर्ष 2022-23 में 12 प्रतिशत बढ़ी डीजल की खपत, बिजली की खपत 12.96 लाख गीगावट रही

2022-23 के दौरान ऊर्जा के उद्देश्य से प्राकृतिक गैस की खपत 7.7 प्रतिशत घटकर 36383 अरब घनमीटर (बीसीएम) रह गई। यह 2021-22 में 39414 अरब घनमीटर थी। इसी तरह गैर-ऊर्जा उद्देश्य के लिए प्राकृतिक गैस की खपत 1.1 प्रतिशत की मामूली वृद्धि के साथ 2021-22 के 22077 बीसीएम से बढ़कर 2022-23 में 22319 बीसीएम हो गई। प्राकृतिक गैस की अधिकतम खपत उर्वरक उद्योग में 32.35 प्रतिशत की रही।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Sun, 17 Mar 2024 09:47 PM (IST)
Hero Image
वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान डीजल की खपत में वार्षिक आधार पर 12.05 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही है।
पीटीआई, नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान डीजल की खपत में वार्षिक आधार पर 12.05 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही है। राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) की ओर से जारी ऊर्जा सांख्यिकी भारत-2024 रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, इस अवधि में कुल ईंधन खपत में डीजल की हिस्सेदारी 38.52 प्रतिशत रही है।

रिपोर्ट के अनुसार, 2022-23 के दौरान डीजल की कुल खपत 8.59 करोड़ टन रही है जो 2021-22 में 7.66 करोड़ टन रही थी। इसी तरह, 2022-23 के दौरान पेट्रोल की खपत में 13.38 प्रतिशत और पेट्रोलियम कोक की खपत में 28.68 प्रतिशत की वृद्धि रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्राकृतिक गैस की खपत समय के साथ उतार-चढ़ाव रहा है।

2022-23 के दौरान ऊर्जा के उद्देश्य से प्राकृतिक गैस की खपत 7.7 प्रतिशत घटकर 36,383 अरब घनमीटर (बीसीएम) रह गई। यह 2021-22 में 39,414 अरब घनमीटर थी। इसी तरह, गैर-ऊर्जा उद्देश्य के लिए प्राकृतिक गैस की खपत 1.1 प्रतिशत की मामूली वृद्धि के साथ 2021-22 के 22,077 बीसीएम से बढ़कर 2022-23 में 22,319 बीसीएम हो गई। प्राकृतिक गैस की अधिकतम खपत उर्वरक उद्योग में 32.35 प्रतिशत की रही। इसके बाद सड़क परिवहन सहित शहर गैस वितरण नेटवर्क (20.06 प्रतिशत) का स्थान रहा।

बिजली की अनुमानित खपत 2012-13 के 8,24,301 गीगावाट प्रति घंटा से बढ़कर 2021-22 के दौरान 12,96,300 गीगावाट प्रति घंटा हो गई। इसमें सालाना आधार पर 5.16 प्रतिशत की वृद्धि रही है। केरोसिन या मिट्टी के तेल की खपत में 2013-14 और 2022-23 के बीच साल-दर-साल आधार पर 26 की भारी गिरावट आई है। इसका मुख्य कारण स्वच्छ ऊर्जा को प्रोत्साहन देना रहा है।