Digital Competition Law: बड़ी डिजिटल कंपनियों को चुकाना पड़ सकता है भारी जुर्माना, कानून को लेकर गठित समिति ने सौंपी रिपोर्ट
समिति की रिपोर्ट के अनुसार यह सुनिश्चित होना चाहिए कि बड़े डिजिटल कंपनियों के व्यवहार की सक्रिय रूप से निगरानी की जाए। प्रतिस्पर्धा-विरोधी आचरण की घटनाओं से पहले सीसीआइ हस्तक्षेप करे। इस समय प्रतिस्पर्धा-विरोधी आचरण की घटना के बाद सीसीआइ हस्तक्षेप करता है। इन बड़ी डिजिटल कंपनियों की पहचान करने के लिए समिति ने दो आधारों की सिफारिश की है।
पीटीआई, नई दिल्ली। प्रतिस्पर्धा नियमों का उल्लंघन अब बड़ी डिजिटल कंपनियों को भारी पड़ सकता है। डिजिटल प्रतिस्पर्धा कानून को लेकर गठित समिति ने सरकार को डिजिटल प्रतिस्पर्धा विधेयक (डीसीबी) का मसौदा और रिपोर्ट सौंप दी है। समिति ने किसी भी संभावित प्रतिस्पर्धा-विरोधी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए बड़े डिजिटल कंपनियों के लिए नियमन का प्रस्ताव दिया है। नियमों के उल्लंघन के लिए जुर्माना कंपनी के वैश्विक कारोबार का 10 प्रतिशत तक हो सकता है।
डिजिटल प्रतिस्पर्धा कानून पर समिति की सिफारिशें ऐसे समय में आई हैं जब डिजिटल क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा-रोधी प्रथाओं को लेकर चिंताएं हैं। डिजिटल प्रतिस्पर्धा कानून पर गठित इस समिति की रिपोर्ट और मसौदा विधेयक पर सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी गई हैं। एक संसदीय समिति की सिफारिश के बाद पिछले वर्ष इस समिति का गठन किया गया था।मसौदा विधेयक में कहा गया है कि बड़ी डिजिटल कंपनियों के लिए पूर्व-दायित्व नियम बनाया जाना चाहिए। अतिसंवेदनशील प्रमुख डिजिटल सेवाओं की पूर्व-चिह्नित सूची पर इस विधेयक को लागू किया जाना चाहिए। इस सूची को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआइ) के अनुभव, बाजार अध्ययन और उभरती वैश्विक प्रथाओं के आधार पर तैयार की जानी चाहिए।
कारपोरेट मामलों के सचिव मनोज गोविल की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट के अनुसार यह सुनिश्चित होना चाहिए कि बड़े डिजिटल कंपनियों के व्यवहार की सक्रिय रूप से निगरानी हो। प्रतिस्पर्धा-विरोधी आचरण की घटनाओं से पहले सीसीआइ हस्तक्षेप करे। इस समय प्रतिस्पर्धा-विरोधी आचरण की घटना के बाद सीसीआइ हस्तक्षेप करता है।इन बड़ी डिजिटल कंपनियों की पहचान करने के लिए समिति ने दो आधारों की सिफारिश की है। इनमें कंपनियों की महत्वपूर्ण वित्तीय शक्ति और प्रसार शामिल है। इन परीक्षणों के आधार पर कंपनियों को स्व-मूल्यांकन करना होगा और अगर वे इसके दायरे में आते हैं तो सीसीआइ को रिपोर्ट करना होगा। इन नियमों का गूगल, एपल जैसी बड़ी कंपनियों पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा।
समिति ने कहा कि सीसीआइ को डिजिटल बाजारों के तेजी से विकास के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए प्रौद्योगिकी के क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ अपने डिजिटल बाजारों और डाटा इकाई की क्षमता को मजबूत करना चाहिए। रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने सीसीआइ के आदेशों खासकर डिजिटल बाजारों से संबंधित अपीलों के खिलाफ दायर अपीलों का समय पर निपटान सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण के भीतर अलग पीठ गठित करने की भी सिफारिश की है।