मुगल-ए-आजम फिल्म बनने तक खराब हो चुके थे दिलीप-मधुबाला के रिश्ते, जानें- कैसे हुआ ये सब
फिल्म मुगल-ए-आजम के दौरान दिलीप कुमार और मधुबाला के बीच की केमिस्ट्री वास्तव में बेहद जबरदस्त थी। लेकिन ये केवल सेट तक ही सीमित थी। इसके बाहर दोनों एक दूसरे की तरफ देखते भी नहीं थे और न ही बात करते थे।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Wed, 07 Jul 2021 03:43 PM (IST)
नई दिल्ली (ऑनलाइन डेस्क)। बॉलीवुड की एक दमदार शख्सियत आज हमारे बीच से हमेशा के लिए विदा हो गई है। 98 वर्ष की उम्र में दुनिया से विदा लेने वाले दिलीप कुमार मौजूदा दौर में हिंदी फिल्मों से जुड़े सबसे उम्रदराज शख्सियत थे। वो बॉलीवुड में ऐसे मील का पत्थर थे जिनके बारे में जितना कहा जाए कम ही होगा।
दिलीप कुमार का फिल्मी सफर अपने आप में काफी दिलचस्प था। लेकिन इससे भी दिलचस्प थी उनकी और मधुबाला के बीच की केमिस्ट्री और लव स्टोरी। दिल्ली में पैदा हुईं मधुबाला उर्फ मुमताज बेगम जहां देहलवी और दिलीप कुमार में करीब 10 वर्ष का अंतर था। लेकिन दोनों ने ही इस अंतर को नजरअंदाज कर अपने प्यार को परवान चढ़ाया था। इन दोनों की मुलाकात पहली बार 1944 में ज्वार भाट फिल्म के सेट पर हुई थी। यहीं से दोनों के मन में एक दूसरे के प्रति आकर्षण भी बढ़ा था। 1951 में आई फिल्म तराना तक इन दोनों के बीच काफी करीबी आ गई थी। फिल्म नया दौर में डायरेक्टर बीआर चोपड़ा इस जोड़ी को अपनी फिल्म में लेना चाहते थे। लेकिन इसकी शूटिंग कई दिनों के लिए बाहर होनी थी। इस वजह से मधुबाला के पिता ने इसकी इजाजत मधुबाला को नहीं दी थी। मधुबाला भी अपने पिता के फैसले के खिलाफ जाने की हिम्मत नहीं जुटा सकी। इसका नतीजा ये हुआ कि बीआर चोपड़ा को उन्हें छोड़कर वैजयंतीमाला को फिल्म में लेना पड़ा। इसके बाद इसको लेकर मामला कोर्ट में पहुंचा और दिलीप कुमार ने मधुबाला के खिलाफ गवाही दी थी। यहां से ही इन दोनों के बीच संबंधों में अलगाव शुरू हो गया था।
जब कोर्ट में मामला खत्म हुआ दिलीप कुमार और मधुबाला ने एक साथ ढाका की मलमल फिल्म में काम किया था। यहां पर दिलीप ने मधुबाला के सामने शादी करने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन मधुबाला ने इसके लिए एक शर्त रख दी थी। उनका कहना था कि इसके लिए दिलीप को उनके पिता से माफी मांगनी होगी। ये दिलीप कुमार को कतई मंजूर नहीं था। इसके बाद दोनों के रास्ते हमेशा के लिए अलग हो गए थे।दिलीप कुमार ने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि मधुबाला के पिता को दोनों का रिश्ता किसी भी सूरत मंजूर नहीं था। वो दिलीप कुमार को एक अडि़यल और जिद्दी किस्म का इंसान मानते थे। मधुबाल के अंतिम वर्षों के दौरान दिलीप कुमार ने सायरा बानो को अपने जीवन साथी के तौर पर चुन लिया था। वहीं मधुबाला ने अपने अंतिम समय में किशोर कुमार से शादी कर ली थी। वर्ष 1969 में मधुबाला इस दुनिया को अलविदा कह गई थी।
इन दोनों ने कई फिल्मों में एक साथ काम किया। लेकिन इनमें से एक दोनों के लिए यादगार बन गई थी। इस फिल्म का नाम था मुगल-ए-आजम। इस फिल्म में दिलीप कुमार ने शहजादे सलीम का किरदार निभाया था जबकि मधुबाला ने अनारकली का किरदार निभाया था।बेहद कम लोगों को इस बात का पता होगा कि जिस वक्त ये फिल्म बन रही थी उस वक्त मधुबाला गंभीर रूप से बीमार थीं। हालांकि सेट पर उन्होंने अपनी बीमारी को अपने अभिनय पर हावी नहीं होने दिया था। बेहद कम लोगों को इस बात का भी पता नहीं होगा कि इस फिल्म के बनने तक दिलीप और मधुबाला के बीच संबंध काफी खराब हो चुके थे।
इस बात का जिक्र दिलीप कुमार ने अपनी आत्मकथा में भी किया है। आलम ये था कि फिल्म में दिखाई देने वाली इन दोनों के बीच की केमिस्ट्री सेट के बाहर बिल्कुल अलग थी। दोनों एक दूसरे से न तो बात ही करते थे और न ही एक दूसरे की तरफ देखना ही पसंद करते थे।आपको बता दें कि ट्रेजडी किंग के नाम से मशहूर दिलीप कुमार की पाकिस्तान में स्थित पुश्तैनी हवेली को कुछ समय पहले ही सरकार ने अपने हाथों में लिया था। सरकार की तरफ से इसको एक म्यूजियम में बदलने का एलान किया गया था। आने वाले समय में ये हवेली दिलीप कुमार उर्फ यूसुफ खान से लोगों को वाकिफ करवाती रहेगी।