Move to Jagran APP

सुप्रीम कोर्ट को लेकर DMK सांसद ने कानून मंत्री से कर दी ये मांग, दिल्ली-मुंबई समेत इन राज्यों से जुड़ा है मामला

वरिष्ठ वकील और डीएमके के राज्य सभा सांसद पी विल्सन ने गुरुवार को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से मुलाकात की। उन्होंने दिल्ली में संविधान पीठ के अलावा चेन्नई दिल्ली कोलकाता मुंबई और दक्षिण उत्तर पश्चिम और पूर्वी क्षेत्रों में सुप्रीम कोर्ट की स्थायी क्षेत्रीय पीठों की स्थापना की मांग की है। कानून मंत्री मेघवाल ने उनके ज्ञापन पर उन्हें मामले पर गौर करने का आश्वासन दिया है।

By Agency Edited By: Abhinav Atrey Updated: Thu, 04 Jul 2024 06:04 PM (IST)
Hero Image
मेघवाल ने मामले पर गौर करने का दिया आश्वासन। (फोटो, एक्स)
एएनआई, नई दिल्ली। वरिष्ठ वकील और डीएमके के राज्य सभा सांसद पी विल्सन ने गुरुवार को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से मुलाकात की। उन्होंने कानून मंत्री से क्षेत्रीय सुप्रीम कोर्ट बेंच की स्थापना, जजों की रिटायरमेंट की आयु बढ़ाने जैसी कई कई मांगों पर चर्चा की।

विल्सन ने एक्स पर मेघवाल के साथ अपनी मुलाकात की तस्वीरें और पत्र शेयर किया है। उन्होंने लिखा, "दिल्ली में संविधान पीठ के अलावा चेन्नई, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और दक्षिण, उत्तर, पश्चिम और पूर्वी क्षेत्रों में सुप्रीम कोर्ट की स्थायी क्षेत्रीय पीठों की स्थापना की मांग को लेकर कानून मंत्री से मुलाकात हुई।"

मेघवाल ने मामले पर गौर करने का आश्वासन दिया

विल्सन ने अपने पोस्ट में कहा है कि कानून मंत्री मेघवाल ने उनके ज्ञापन पर उन्हें मामले पर गौर करने का आश्वासन दिया है। विल्सन ने आगे कहा कि मैं हमेशा मानता हूं कि लगातार प्रयास कभी विफल नहीं होंगे।

न्यायालयों में जजों की नियुक्ति में सामाजिक न्याय सुनिश्चित हो

विल्सन ने कानून मंत्री के लिखे पत्र में सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों में जजों की नियुक्ति में सामाजिक न्याय और सामाजिक विविधता सुनिश्चित करने के लिए एक प्रतिनिधि न्यायपालिका की मांग की।

जजों की रिटायरमेंट आयु को बढ़ाया जाए- विल्सन

वहीं, सांसद विल्सन ने संवैधानिक संशोधन के जरिए उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की रिटायरमेंट आयु 62 साल से बढ़ाकर 65 साल और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति आयु 65 साल से बढ़ाकर 70 साल करने का भी अनुरोध किया।

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम रिकमंडेशन को माना जाए

विल्सन ने इसके अलावा कानून मंत्री से मांग करते हुए कहा है कि विभिन्न उच्च न्यायालयों के जजों की नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा रिकमंडेशन रोके गए या नजरअंदाज किए गए नामों की नियुक्तियों को अधिसूचित करें। साथ ही उन्हें सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुशंसित वरिष्ठता क्रम में रखें।

ये भी पढ़ें: NEET-UG पास कर चुके उम्मीदवार क्यों पहुंचे सुप्रीम कोर्ट? याचिका दायर कर केंद्र और NTA से की ये मांग