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'Supreme Court को 'तारीख पर तारीख कोर्ट' न बनाए', CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने बार के सदस्यों से किया खास आग्रह

डीवाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को बार के सदस्यों से आग्रह किया है कि जब तक जरूरी न हो तब तक स्थगन की मांग न करें हम नहीं चाहते कि सुप्रीम कोर्ट तारीख पर तारीख कोर्ट बने। भारत के मुख्य न्यायाधीश की यह टिप्पणी स्थगन से संबंधित आंकड़ों का अवलोकन करते हुए सामने आई। अदालत ने कहा कि सितंबर-अक्टूबर महीने में वकीलों द्वारा 3688 स्थगन पर्चियां वितरित की गईं।

By AgencyEdited By: Shalini KumariUpdated: Fri, 03 Nov 2023 12:52 PM (IST)
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मुख्य न्यायाधीश ने सुप्रीम कोर्ट के वकीलों से किया आग्रह

एएनआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में मामलों के स्थगन को लेकर मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सभी वकीलों से खास आग्रह किया है। दरअसल, डीवाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को वकीलों से आग्रह किया है कि जब तक जरूरी न हो तब तक स्थगन की मांग न करें, हम नहीं चाहते कि सुप्रीम कोर्ट 'तारीख पर तारीख कोर्ट' बने।

भारत के मुख्य न्यायाधीश की यह टिप्पणी स्थगन से संबंधित आंकड़ों का अवलोकन करते हुए सामने आई। सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई के लिए इकट्ठी हुई, तो अदालत ने सितंबर और अक्टूबर के महीनों में प्रसारित स्थगन पर्चियों पर ध्यान दिया।

एक महीने में दर्ज हुईं 3 हजार से अधिक स्थगन पर्चियां

चंद्रचूड़ ने वकीलों से स्थगन की मांग न करने का आग्रह करते हुए कहा, "हम नहीं चाहते कि सुप्रीम कोर्ट 'तारीख पर तारीख अदालत' बने, क्योंकि यह मामले में तेजी लाने के उद्देश्य को विफल कर देता है।" सीजेआई ने कहा कि यह नागरिकों के विश्वास को कमजोर करता है। देश के सामने हमारी अदालत की अच्छी छवि नहीं है। अदालत ने कहा कि सितंबर-अक्टूबर महीने में वकीलों द्वारा 3,688 स्थगन पर्चियां वितरित की गईं। पीठ ने कहा कि आज 178 स्थगन पर्चियां थीं।

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बार के सदस्यों से CJI का अनुरोध

सीजेआई ने कहा, "मैं बार के सदस्यों से अनुरोध करता हूं कि जब तक वास्तव में जरूरत न हो, स्थगन की मांग न करें।" सीजेआई ने कहा कि वह मामलों की पहली सुनवाई की अवधि कम से कम हो यह सुनिश्चित करने के लिए दाखिलों की निगरानी कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि कुछ मामलों का जिक्र स्थगन मांगने के लिए किया गया है।

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