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रामदेव ने एलोपैथिक दवाओं के खिलाफ दिए बयान पर अपने शब्द लिए वापस, डॉ. हर्षवर्धन ने पत्र लिखकर जताई थी आपत्ति

वहीं आज इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने योग गुरु बाबा रामदेव को कानूनी नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में बाबा रामदेव से आधुनिक चिकित्सा व एलोपैथी के डाक्टरों के संदर्भ में उनके द्वारा दिए गए बयान पर खेद व्यक्त करने की मांग की गई है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Mon, 24 May 2021 07:01 AM (IST)
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केंद्रीय मंत्री ने योग गुरु की टिप्पणियों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने एलोपैथिक दवाओं के खिलाफ योग गुरू रामदेव की टिप्पणियों को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इन्हें वापस लेने की मांग की। इसके कुछ समय बाद ही बाबा रामदेव ने अपना बयान वापस ले लिया है। रामदेव ने कहा कि डॉक्टर हर्षवर्धन जी आपका पत्र प्राप्त हुआ है, उसके संदर्भ में चिकित्सा पद्दतियों के संघर्ष के इस पूरे विवाद को खेदपूर्वक विराम देते हुए मैं अपना बयान वापस लेता हूँ। 

बता दें कि इंटरनेट मीडिया पर वायरल एक वीडियो का हवाला देते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा कि रामदेव ने एलोपैथी चिकित्सा को मूर्खतापूर्ण विज्ञान बताया है। उनका कहना है कि रेमडेसिविर, फेविफ्लू और भारत के औषधि महानियंत्रक द्वारा स्वीकृत अन्य दवाएं कोरोना मरीजों का इलाज करने में नाकाम साबित हुई हैं। डाक्टरों की संस्था के अनुसार, रामदेव ने दावा किया है कि एलोपैथिक दवाएं खाने से लाखों मरीजों की मौत हुई है। हालांकि, पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट ने इन टिप्पणियों को गलत करार दिया है।

रामदेव को लिखे पत्र में हर्षवर्धन ने उनसे बयान वापस लेने को कहा था। उन्होंने कहा था कि यह टिप्पणी कोरोना योद्धाओं का अपमान है और इससे देश की भावनाएं आहत हुई हैं। आपके बयान से स्वास्थ्यकर्मियों का मनोबल टूटेगा और कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई कमजोर होगी।

रामदेव की टिप्पणी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण : डॉ. हर्षवर्धन

आज ही रामदेव को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि एलोपैथिक दवाओं ने करोड़ों लोगों की जिंदगी बचाई है और इससे लाखों लोगों के मारे जाने की टिप्पणी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। आज अगर देश में कोरोना से मृत्यु दर सिर्फ 1.13 प्रतिशत और रिकवरी रेट 88 प्रतिशत से अधिक है तो उसके पीछे एलोपैथी और उसके डाक्टरों का अहम योगदान है। हर्षवर्धन ने कहा था कि आपको पता होना चाहिए कि चेचक, पोलियो, इबोला, सार्स और टीबी जैसे गंभीर रोगों का निदान एलोपैथी ने ही किया है।

जानें, क्या कहा था रामदेव ने

इंटरनेट मीडिया पर वायरल एक वीडियो का हवाला देते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा था कि रामदेव ने एलोपैथी चिकित्सा को मूर्खतापूर्ण विज्ञान बताया है। उनका कहना है कि रेमडेसिविर, फेविफ्लू और भारत के औषधि महानियंत्रक द्वारा स्वीकृत अन्य दवाएं कोरोना मरीजों का इलाज करने में नाकाम साबित हुई हैं। डाक्टरों की संस्था के अनुसार, रामदेव ने दावा किया है कि एलोपैथिक दवाएं खाने से लाखों मरीजों की मौत हुई है।

आईएमए ने बाबा रामदेव को जारी किया नोटिस

वहीं, आज इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने योग गुरु बाबा रामदेव को कानूनी नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में बाबा रामदेव से आधुनिक चिकित्सा व एलोपैथी के डाक्टरों के संदर्भ में उनके द्वारा दिए गए बयान पर खेद व्यक्त करने की मांग की गई है।

नोटिस में कहा गया है कि रामदेव लिखित रूप में स्पष्टीकरण जारी कर अपने बयान पर खेद व्यक्त करें। यदि वह ऐसा नहीं करते है तो उनके खिलाफ एसोसिएशन मानहानि व महामारी एक्ट के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएगा। दूसरी ओर दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) के पूर्व अध्यक्षों ने आइएमए के इस नोटिस को लीपापोती की कार्रवाई बताया है।