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Kerala: डॉ. वंदना हत्याकांड की हो CBI जांच, पुलिस पर नहीं है विश्वास.. पीड़ित परिवार ने HC में दायर की याचिका

डॉ. वंदना दास के परिवार ने सीबीआई जांच की मांग को लेकर केरल हाईकोर्ट का रुख किया। उन्होंने हाईकोर्ट में वंदना के हत्या की जांच सीबीआई को रेफर करने की मांग को लेकर याचिका दाखिल की है। पीड़ित परिवार ने पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। एक स्कूल शिक्षक ने अस्पताल में चाकू से हमला कर वंदना की हत्या कर दी थी।

By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Sun, 02 Jul 2023 01:28 AM (IST)
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डॉ. वंदना दास के परिवार ने सीबीआई जांच की मांग को लेकर केरल उच्च न्यायालय का रुख किया

कोच्चि, पीटीआई। केरल के कोल्लम जिले के एक तालुक अस्पताल में एक मरीज द्वारा बेरहमी से मार दी गई डॉ. वंदना दास के परिवार ने मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को स्थानांतरित करने की मांग करते हुए केरल हाई कोर्ट का रुख किया है।

परिवार ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

शुक्रवार को अदालत के समक्ष दायर एक याचिका में, परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस ने 'अपना हाथ साफ करने की जल्दबाजी में' प्रथम सूचना विवरण (FIR) तैयार किया था। याचिका में कहा गया है,

कोट्टाराक्कारा पुलिस ने जल्दबाजी में अपने हाथ साफ करने के लिए मृतक के दोस्त द्वारा कथित तौर पर दिए गए प्रथम सूचना बयान को गढ़ा था, जो मृतक को इलाज के लिए अस्पताल ले जाते समय बीच रास्ते में रोककर लिया गया था।

पुलिस ने तथ्यों को तरोड़-मरोड़कर पेश किया

याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि मित्र ने बार-बार कहा था कि पुलिस ने अपने बयानों के अनुरूप तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है और फिर भी पुलिस अधिकारियों का रुख अवज्ञाकारी बना हुआ है। याचिका में यह भी कहा गया कि पुलिस 'अपनी सुरक्षा खामियों को छिपाने' के लिए बहुत 'अकर्मण्य और उदासीन दृष्टिकोण' से अपराध की जांच कर रही है। याचिका में कहा गया है,

याचिकाकर्ताओं ने अपनी इकलौती बेटी को बिना किसी गलती के और केवल पुलिस अधिकारियों की लापरवाही के कारण खो दिया। जिन्हें लोगों की जान की रक्षा करनी चाहिए थी, उन्होंने आरोपियों के जानलेवा हमले के कारण अपनी सुरक्षा के लिए भागने का फैसला किया।

मारे गए डॉक्टर के माता-पिता ने मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की। याचिका में कहा गया, "पुलिस को मामले को दबाने और मूल्यवान सबूत नष्ट करने का मौका देने के बजाय मामले को तुरंत सीबीआई को सौंप दिया जाना चाहिए।

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने अध्यादेश पर किए हस्ताक्षर 

23 मई को, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने उस अध्यादेश पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को गंभीर शारीरिक नुकसान पहुंचाने के दोषी पाए जाने पर सात साल तक की कैद और अधिकतम पांच लाख रुपये के जुर्माने सहित कड़ी सजा का प्रावधान है। कोल्लम जिले के एक तालुक अस्पताल में पेशे से स्कूल शिक्षक जी संदीप नामक मरीज द्वारा वंदना दास की हत्या के मद्देनजर कैबिनेट बैठक में अध्यादेश को मंजूरी दी गई।

स्कूल शिक्षक ने की डॉक्टर की हत्या

कोट्टायम जिले के कडुथुरुथी क्षेत्र की मूल निवासी और अपने माता-पिता की इकलौती संतान डॉ. वंदना दास, अजीजिया मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक हाउस सर्जन थीं और अपने प्रशिक्षण के हिस्से के रूप में कोट्टाराक्कारा तालुक अस्पताल में काम कर रही थीं। संदीप, जिसे 10 अप्रैल की सुबह इलाज के लिए पुलिस द्वारा अस्पताल लाया गया था, ने कमरे में रखी सर्जिकल कैंची से पुलिस अधिकारियों और एक व्यक्ति पर अचानक हमला कर दिया। इसके बाद उसने वंदना पर भी चाकू से कई वार किए, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गईं। आनन-फानन में वंदना को तिरुवनंतपुरम के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां उनकी मौत हो गई।