UGRAM: 500 मीटर की रेंज से दुश्मन का होगा काम तमाम, DRDO ने लॉन्च की स्वदेशी असॉल्ट राइफल 'उग्रम'
Ugram Assault Rifle भारत में असॉल्ट राइफल की कमी को पूरा करने के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने स्वदेशी असॉल्ट राइफल उग्रम को तैयार किया है। इस राइफल को सशस्त्र बलों अर्धसैनिक बलों और राज्य पुलिस इकाइयों की परिचालन आवश्यकताओं के लिए डिजाइन किया गया है। राइफल की रेंज 500 मीटर है। राइफल को 100 दिनों के भीतर निर्मित किया गया।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने सोमवार को 7.62 x 51 मिमी कैलिबर की एक अत्याधुनिक,स्वदेशी असॉल्ट राइफल 'उग्रम' (Ugram) लॉन्च की है। प्राइवेट कंपनी के साथ हाथ मिलाकर डीआरडीओ ने इस राइफल को डिजाइन, विकसित और निर्मित किया है।
इस राइफल को सशस्त्र बलों, अर्धसैनिक बलों और राज्य पुलिस इकाइयों की परिचालन आवश्यकताओं के लिए डिजाइन किया गया है। सोमवार को पुणे में डीआरडीओ के आर्मामेंट और कॉम्बैट इंजीनियरिंग सिस्टम के महानिदेशक डॉ. शैलेन्द्र वी गाडे ने इस राइफल का अनावरण किया।
(फोटो सोर्स: डीआरडीओ)
'उग्रम' की खासियत
- राइफल की रेंज 500 मीटर है।
- राइफल में 20 राउंड मैगजीन लोड किया जा सकता है।
- यह सिंगल और फुल ऑटो दोनों मोड में फायर कर सकती है।
- राइफल को भारतीय सेना के जनरल स्टाफ क्वालिटेटिव रिक्वायरमेंट्स (GSQR) के आधार पर डिजाइन किया गया है।
- इसका वजन चार किलोग्राम से कम है।
बता दें कि इसे डीआरडीओ की पुणे स्थित सुविधा आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (IRDI) ने हैदराबाद स्थित डीवीपा आर्मर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से निर्मित किया है।
दिसंबर में रक्षा अधिग्रहण परिषद ने भारतीय सशस्त्र बलों के लिए इसी कैलिबर की 70,000 यूएस-निर्मित एसआईजी सॉयर असॉल्ट राइफल की खरीद के लिए मंजूरी दे दी थी।
(फोटो सोर्स: डीआरडीओ)
दो साल पहले शुरू किया गया प्रोजेक्ट: एआरडीई निदेशक
उगराम असॉल्ट राइफल के बारे में जानकारी देते हुए एआरडीई के निदेशक अंकथी राजू ने कहा, “यह दो साल पहले शुरू किया गया एक मिशन मोड प्रोजेक्ट था। एआरडीई द्वारा राइफल डिजाइन करने के बाद हमने विकास और विनिर्माण के लिए एक निजी उद्योग भागीदार की तलाश शुरू कर दी। इसके साथ ही हमने अपनी जानकारी के जरिए इसके हार्डवेयर पर काम करना शुरू कर दिया। गौरतलब है कि राइफल को 100 दिनों के भीतर निर्मित किया गया।"
अंकथी राजू ने जानकारी दी,"अलग-अलग लेवल पर इस राइफल की टेस्टिंग होगी। इस राइफल की सटीकता और स्थिरता की जांच की जाएगी। राइफल की टेस्टिंग ऊंची, रेगिस्तानी इलाकों आदि सहित विभिन्न मौसम और भौगोलिक परिस्थितियों में किया जाएगा।"
असॉल्ट राइफलों की भारत में कमी
द्विपा आर्मर इंडिया के निदेशक जी राम चैतन्य रेड्डी ने कहा, “भारत में असॉल्ट राइफलों की बड़ी कमी है। रूस यूक्रेन युद्ध की वजह से AK-203 प्रोजेक्ट शुरू नहीं हुई है और। इस समय इजरायल और हमास के बीच युद्ध जारी है और पीएलआर इजरायल को हथियारों की आपूर्ति कर रहा है।" बता दें कि इस परियोजना पर डीआरडीओ के 60 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इससे आयात पर निर्भरता भी कम होगी।
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