भारत के रक्षा कवच में नहीं लगेगी सेंध, पलभर में खाक होगा दुश्मन का विमान; आ गई VSHORADS मिसाइल
भारत का रक्षा कवच अब और भी मजबूत एवं आधुनिक हो गया है। भारत ने राजस्थान के पोखरण फायरिंग रेंज में वीएसएचओआरएडीएस के तीन सफल परीक्षण किए गए हैं। इस दौरान वीएसएचओआरएडीएस मिसाइल लक्ष्य को भेदने और मार गिराने में सफल रही। यह भारत की पूर्ण स्वदेशी पोर्टेबल रक्षा कवच हैं जो कि कहीं से भी लॉन्च करने में सक्षम है।
जेएनएन, नई दिल्ली। दुश्मनों के लड़ाकू विमान, ड्रोन अब भारत के अचूक रक्षा कवच में सेंध नहीं लगा सकेंगे। इतना ही नहीं दुश्मनों को भागने या बच निकलने का भी मौका नहीं मिलेगा। कहीं से भी लॉन्च करने में सक्षम भारत की पूर्ण स्वदेशी पोर्टेबल रक्षा कवच या वीएसएचओआरएडीएस (बेहद कम दूरी की वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली) दुश्मनों के विमानों, ड्रोनों और अन्य हवाई खतरों को पलभर में ही मार गिराएंगी।
भारत ने राजस्थान के पोखरण फायरिंग रेंज में वीएसएचओआरएडीएस के तीन सफल परीक्षण किए जा चुके हैं। इस दौरान वीएसएचओआरएडीएस मिसाइल लक्ष्य को भेदने और मार गिराने में सफल रही। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चौथी पीढ़ी की वीएसएचओआरएडीएस मिसाइलों के उड़ान परीक्षणों के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय सेना को बधाई दी है।
डीआरडीओ ने किया है विकसित
उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीकों से लैस यह नई मिसाइल सशस्त्र बलों को हवाई खतरे के खिलाफ और अधिक सशक्त करेगी। रक्षामंत्री के कार्यालय ने एक्स पर पोस्ट किया, 'डीआरडीओ इंडिया ने पोखरण से चौथी पीढ़ी की तकनीकी रूप से उन्नत वीएसएचओआरएडीएस के तीन उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक किए हैं।'बता दें कि वीएसएचओआरएडीएस पोर्टेबल वायुरक्षा प्रणाली है, जिसे डीआरडीओ के रिसर्च सेंटर इमारत (आरसीआई) ने अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं और भारतीय उद्योग भागीदारों के सहयोग से स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है। मिसाइल में लघु प्रतिक्रिया नियंत्रण प्रणाली (आरसीएस) और एकीकृत एवियोनिक्स सहित कई प्रौद्योगिकियां शामिल हैं।