DRDO ने किया स्वदेशी यूएवी का सफल परीक्षण, भारतीय सशस्त्र बल को मिलेगी मजबूती
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने कर्नाटक के चित्रदुर्ग में एयरोनाटिकल टेस्ट रेंज से ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलाजी डिमांस्ट्रेटर का प्रयोग कर स्वदेशी हाई स्पीड फ्लाइंग विंग UAV (मानव रहित विमान) की उड़ान का सफल परीक्षण किया है। इस उड़ान के साथ भारत उन देशों के विशिष्ट क्लब में शामिल हो गया है जिन्होंने फ्लाइंग विंग कान्फिगरेशन के नियंत्रण में महारत हासिल कर ली है।
By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Fri, 15 Dec 2023 11:53 PM (IST)
एएनआई, चित्रदुर्ग। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने कर्नाटक के चित्रदुर्ग में एयरोनाटिकल टेस्ट रेंज से ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलाजी डिमांस्ट्रेटर का प्रयोग कर स्वदेशी हाई स्पीड फ्लाइंग विंग UAV (मानव रहित विमान) की उड़ान का सफल परीक्षण किया है।
राजनाथ सिंह ने दी बधाई
इस उड़ान के साथ भारत उन देशों के विशिष्ट क्लब में शामिल हो गया है, जिन्होंने फ्लाइंग विंग कान्फिगरेशन के नियंत्रण में महारत हासिल कर ली है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने UAV के सफल उड़ान परीक्षण के लिए DRDO, सशस्त्र बलों को बधाई दी है और कहा है कि स्वदेशी रूप से ऐसी महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के विकास से भारतीय सशस्त्र बल और मजबूत होंगे।
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India achieves a significant milestone in #UAV technology! @DRDO_India successfully conducts a flight trial of the Autonomous Flying Wing Technology Demonstrator, an indigenous high-speed flying-wing #UAV.
— A. Bharat Bhushan Babu (@SpokespersonMoD) December 15, 2023
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बेंगलुरु में किया गया है डिजाइन
इस UAV को DRDO के एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट इस्टैबलिशमेंट (ADE) बेंगलुरु द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। इस विमान की पहली उड़ान जुलाई 2022 में प्रदर्शित की गई थी। इसके बाद छह उड़ान परीक्षण किए गए थे। UAV के प्रोटोटाइप को स्वदेशी रूप से विकसित हल्के कार्बन प्रीप्रेग मिश्रित सामग्री के साथ डिजाइन और निर्मित किया गया है।
यह एयरोस्पेस प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता का भी प्रदर्शन है। ग्राउंड रडार/बुनियादी ढांचे/पायलट के बिना हाई-स्पीड UAV की लैंडिंग से भारत ने अनूठी क्षमता को प्रदर्शित किया है।