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न्यूज प्रिंट की लागत बढ़ने से पब्लिशर्स ने की कस्टम ड्यूटी माफ करने की मांग, मीडिया समूहों के लिए INS आया आगे

दि इंडियन न्यूज पेपर सोसायटी (आईएनएस) ने सरकार से न्यूज प्रिंट के आयात पर लगने वाले पांच प्रतिशत शुल्क को समाप्त करने का आग्रह किया है ताकि अखबार की लागत को कम किया जा सके। आईएनएस ने कहा है कि भू-राजनीतिक अनिश्चितता लॉजिस्टिक लागत में बढ़ोतरी डॉलर के मुकाबले रुपए के मूल्य में कमी और सीमा शुल्क जैसे कई कारणों से देश के प्रकाशकों का वित्तीय भार बढ़ गया है।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Tue, 05 Mar 2024 08:49 PM (IST)
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डॉलर के मुकाबले रुपए में होने वाली गिरावट से प्रिंट मीडिया उद्योग की लागत में बढ़ोतरी हो रही है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दि इंडियन न्यूज पेपर सोसायटी (आईएनएस) ने सरकार से न्यूज प्रिंट के आयात पर लगने वाले पांच प्रतिशत शुल्क को समाप्त करने का आग्रह किया है, ताकि अखबार की लागत को कम किया जा सके। आईएनएस ने अपने बयान में कहा है कि भू-राजनीतिक अनिश्चितता, लॉजिस्टिक लागत में बढ़ोतरी, डॉलर के मुकाबले रुपए के मूल्य में कमी और सीमा शुल्क जैसे कई कारणों से देश के प्रकाशकों का वित्तीय भार बढ़ गया है।

बयान में कहा गया है कि रूस व यूक्रेन के बीच लड़ाई के साथ पश्चिम एशिया में संघर्ष की वजह से वैश्विक सप्लाई चेन के साथ न्यूज प्रिंट की सप्लाई भी प्रभावित हुई है। आईएनएस के अध्यक्ष राकेश शर्मा ने कहा कि ऐसे में सरकार अगर न्यूज प्रिंट के आयात पर लगने वाले पांच प्रतिशत के शुल्क को वापस ले लेती है तो इससे प्रिंट मीडिया उद्योग को बड़ी राहत मिलेगी। प्रकाशक को अपनी लागत के प्रबंधन में आसानी होगी और वे जनता तक विश्वसनीय खबर व सूचनाएं निर्बाध तरीके से पहुंचाते रहेंगे।

आईएनएस के बयान के मुताबिक, लाल सागर में व्यवधान की वजह से अनिवार्य वस्तुओं के साथ न्यूज पेपर का आयात भी प्रभावित हो रहा है। न्यूज पेपर सप्लायर पुराने ऑर्डर को रद्द कर रहे हैं। कई न्यूज प्रिंट मिल ने अपने संचालन को इन वजहों से निलंबित कर दिया है। डॉलर के मुकाबले रुपए के मूल्य में होने वाली गिरावट से भी प्रिंट मीडिया उद्योग की लागत में बढ़ोतरी हो रही है।

आईएनएस ने कहा है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को कायम रखने के लिए प्रिंट मीडिया उद्योग का जिंदा रहना सबसे जरूरी है। सोशल मीडिया पर गलत सूचना के प्रसार के इस युग में प्रिंट मीडिया पाठकों में खबरों के प्रति विश्वसनीयता कायम करने का काम कर रहा है। प्रिंट मीडिया सरकार की नीति व लोक कल्याणकारी कार्यक्रम की जानकारी भी लोगों तक पहुंचाने का काम करता है।