EXCLUSIVE: रियल एस्टेट में करोड़ों के घाटे से भी परेशान थे भय्यूजी महाराज
भय्यू महाराज की आत्महत्या की जांच कर रही पुलिस टीम को रियल एस्टेट में करोड़ों के घाटे की जानकारी भी हाथ लगी है।
By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Wed, 20 Jun 2018 02:38 PM (IST)
इंदौर [जेएनएन]। भय्यू महाराज (उदयसिंह देशमुख) की आत्महत्या के पीछे पत्नी और बेटी के बीच चल रहा विवाद तो जगजाहिर हो गया है, लेकिन जांच कर रही पुलिस टीम को रियल एस्टेट में करोड़ों के घाटे की जानकारी भी हाथ लगी है। आश्रम और भय्यू महाराज से जुड़े छह लोग इस राज से वाकिफ हैं, लेकिन अपने फायदे के लिए वह इसे उजागर नहीं कर रहे हैं।
जांच अफसरों के मुताबिक यह सच है कि भय्यू महाराज दूसरी पत्नी डॉ. आयुषी और बेटी कुहू के झगड़े में बुरी तरह फंस गए थे। उन्हें हर पल समाज में बदनामी का डर सताता रहता था। पत्नी उनकी निगरानी करने लगी थीं। सेवादार और ड्राइवर से आश्रम में आने वाले दर्शनार्थियों और बैठक की जानकारी लेती थीं। वह मिलने वालों और आने-जाने का हिसाब भी रखती थीं।
उधर, बेटी कुहू भी इस प्रयास में लगी रहती थी कि उसके पिता और उनकी दूसरी पत्नी में किसी न किसी बात पर मतभेद बने रहें। इस बीच रियल एस्टेट में हुआ नुकसान महाराज को अंदर ही अंदर खोखला कर रहा था। सूत्रों के मुताबिक महाराज ने मनमीत और अमोल चव्हाण के जरिए पुणो में रियल एस्टेट में करोड़ों का निवेश किया था।
नोटबंदी के बाद प्रॉपर्टी के भाव में अचानक गिरावट आई और महाराज के पास नकदी (लिक्विडिटी) की किल्लत होने लगी। बताया तो यह भी जाता है कि उन्होंने उन लोगों से मदद मांगी थी जो कभी महाराज से मिलने के लिए दिनभर उनके आश्रम में बैठे रहते थे, लेकिन उन्होंने महाराज के फोन उठाना बंद कर दिया। महाराज को रियल एस्टेट कारोबारी और प्रसिद्ध फिल्म गायिका से भी रुपये मांगने पड़े थे।
इन्हें पता है महा ‘राज’
पुलिस के मुताबिक यह तो स्पष्ट हो चुका है कि भय्यू महाराज नकदी की समस्या से जूझ रहे थे। हालांकि, उनके पास करोड़ों की जमीन और मकान थे। इस राज से सेवादार विनायक, अमोल चव्हाण, मनमीत अरोरा, मनोहर सोनी और शेखर वाकिफ हैं, लेकिन एक भी व्यक्ति भय्यू महाराज के कारोबार, निवेश और खरीदारी की जानकारी देने को तैयार नहीं है। पुलिस सीए प्रमोद चोपड़ा, वकील राजा बड़जात्या सहित अन्य लोगों की गोपनीय जांच कर अपने स्तर पर छानबीन में जुटी हुई है। आखिर अमोल चव्हाण से बात करते समय क्यों तनाव में आ जाते थे भय्यू महाराज
रविवार को पुलिस ने जिन चार लोगों से पूछताछ की, उसमें वह प्रमुख संदेही सेवादार अमोल चव्हाण भी शामिल था, जिससे बात करते वक्त भय्यू महाराज तनाव में आ जाते थे। उसने इतना ही बताया कि महाराज कुहू को इंदौर आने से रोकना चाहते थे। फोन पर वे उससे विदेश भेजने व कोचिंग के सिलसिले में बात कर रहे थे। सीएसपी मनोज रत्नाकर के मुताबिक सबसे पहले संजय यादव (57) से पूछताछ की गई। उन्होंने कहा वे करीब 20 साल पूर्व महाराज के संपर्क में आए। लगातार आश्रम आने के दौरान महाराज ने लाइजनिंग, प्रोग्राम और आश्रम में होने वाले कार्यक्रम का जिम्मा सौंपना शुरू किया। वह सेंधवा, देवास, खरगोन, शाजापुर जिले में हो रहे तालाब गहरीकरण का कामकाज भी देखता था। 10 जून को भी इसी संदर्भ में महाराज से चर्चा हुई थी। उस वक्त उन्होंने कहा था कि 60 तालाबों का गहरीकरण हो चुका है।
पुलिस के मुताबिक यह तो स्पष्ट हो चुका है कि भय्यू महाराज नकदी की समस्या से जूझ रहे थे। हालांकि, उनके पास करोड़ों की जमीन और मकान थे। इस राज से सेवादार विनायक, अमोल चव्हाण, मनमीत अरोरा, मनोहर सोनी और शेखर वाकिफ हैं, लेकिन एक भी व्यक्ति भय्यू महाराज के कारोबार, निवेश और खरीदारी की जानकारी देने को तैयार नहीं है। पुलिस सीए प्रमोद चोपड़ा, वकील राजा बड़जात्या सहित अन्य लोगों की गोपनीय जांच कर अपने स्तर पर छानबीन में जुटी हुई है। आखिर अमोल चव्हाण से बात करते समय क्यों तनाव में आ जाते थे भय्यू महाराज
रविवार को पुलिस ने जिन चार लोगों से पूछताछ की, उसमें वह प्रमुख संदेही सेवादार अमोल चव्हाण भी शामिल था, जिससे बात करते वक्त भय्यू महाराज तनाव में आ जाते थे। उसने इतना ही बताया कि महाराज कुहू को इंदौर आने से रोकना चाहते थे। फोन पर वे उससे विदेश भेजने व कोचिंग के सिलसिले में बात कर रहे थे। सीएसपी मनोज रत्नाकर के मुताबिक सबसे पहले संजय यादव (57) से पूछताछ की गई। उन्होंने कहा वे करीब 20 साल पूर्व महाराज के संपर्क में आए। लगातार आश्रम आने के दौरान महाराज ने लाइजनिंग, प्रोग्राम और आश्रम में होने वाले कार्यक्रम का जिम्मा सौंपना शुरू किया। वह सेंधवा, देवास, खरगोन, शाजापुर जिले में हो रहे तालाब गहरीकरण का कामकाज भी देखता था। 10 जून को भी इसी संदर्भ में महाराज से चर्चा हुई थी। उस वक्त उन्होंने कहा था कि 60 तालाबों का गहरीकरण हो चुका है।