Joseph Stalin: इस तानाशाह ने हिटलर को दी शिकस्त, इसके 25 साल के राज में लाखों लोग चढ़े अकाल व नरसंहार की भेंट
एक मामूली से परिवार में जन्मा स्टालिन दुनिया का सबसे ताकतवर नेता तो बन गया लेकिन दूसरे लोगों की तरह यह भी इस लोकप्रियता को पचा न सका। स्टालिन ने अपने शासनकाल में लोगों पर खूब अत्याचार किए। स्टालिन की बनाई गई नीतियों और फरमानों की वजह से कथित तौर पर लाखों लोग मौत के घाट उतार दिए गए। आइए जानते हैं इस घातक तानाशाह के बारे में...
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। 'मृत्यु सभी समस्याओं का समाधान है। न इंसान बचेगा न ही कोई समस्या होगी।' कोई आपसे ऐसा कहे तो आप उस इंसान के बारे में क्या सोचेंगे? सबसे पहला ख्याल यही आएगा की यह इंसान कितना नेगटिव सोचता होगा या फिर इस इंसान का जीवन कितना निराशावादी है। बहुत लोग यह भी सोच सकते हैं कि कोई इतना कठोर हृदय और क्रूर कैसे हो सकता है। तो मैं आपको बता दूं कि आप जो सोच रहे हैं वह बिल्कुल सही है।
यह ऐसा इंसान था जिसका नाम एक समय में हिटलर से भी पहले लिया जाता था। ऐसा मैं इसलिए कह रही हूं क्योंकि इस व्यक्ति ने अपने देश को इतना ताकतवर बनाया कि हिटलर की जर्मन सेना ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इस शासक के सेना के सामने अपने घुटने टेक दिए। मैं बात कर रही हूं तानाशाहों में सबसे बड़े तानाशाह के बारे में जिसका नाम था स्टालिन। 'जोसेफ स्टालिन' रूस का ऐसा शासक जिसने उस देश को इतना ताकतवर बनाया जिसके गवाह आज भी हम हैं। स्टालिन के नाम में ही उसके शक्तिशाली होने की झलक देखी जा सकती है स्टालिन का अर्थ होता है 'लौह पुरुष' (Man of Steel) स्टालिन ने जिस तरह अपना पूरा जीवन जिया उससे उसने अपने नाम के अर्थ को सार्थक सिद्ध किया। स्टालिन को करीब 25 सालों तक सोवियत संघ के सबसे बड़े नेता के तौर पर जाना गया।
एक मामूली से परिवार में जन्मा स्टालिन दुनिया का सबसे ताकतवर नेता तो बन गया लेकिन दूसरे लोगों की तरह यह भी इस लोकप्रियता को पचा न सका। स्टालिन ने अपने शासनकाल में लोगों पर खूब अत्याचार किए। स्टालिन की बनाई गई नीतियों और फरमानों की वजह से कथित तौर पर लाखों लोग मौत के घाट उतार दिए गए। अपने आखिरी समय में यह तानाशाह इतना शक्की हो गया था कि वह अपनी ही पार्टी के लोगों पर भी शक करने लगा था और जिस भी व्यक्ति पर उसको शक होता वो उसको मरवा देता।
आज तानाशाहों की कहानी श्रृंखला के पांचवें भाग में हम बात करेंगे, एक ऐसे घातक तानाशाह के बारे में, जिसका नाम 'जोसेफ स्टालिन’ (Joseph Stalin) है। अगर ऐसा कहा जाए कि रूस को एक शक्तिशाली देश बनाने के पीछे जिस एक व्यक्ति का नाम सामने आता है वो स्टालिन का है तो यह गलत नहीं होगा। अपने बागी तेवरों की वजह से स्टालिन ने कई क्रांतियों में भाग लिया और कई बार गिरफ्तार भी किया गया। लेनिन की मौत के बाद स्टालिन ने अपनी मार्क्सवादी विचारधारा का जोर-शोर से प्रचार किया। तो आइए जानते हैं, एक ऐसे तानाशाह के बारे में जिसको हर तानाशाह की तरह विरोधी पसंद नहीं थे। ऐसा तानाशाह जिसने हिटलर को हराने में अहम भूमिका निभाई। जिसने कई लोगों की सांसे छीनी और आखिर में जिसका अंत भी दिल का दौरा पड़ने से हुआ...
कौन था जोसेफ स्टालिन?
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जोसेफ स्टालिन 1929 से 1953 तक सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक (यूएसएसआर) संघ का तानाशाह था। स्टालिन 1941 से 1953 तक सोवियत संघ के प्रधानमंत्री के रूप में भी कार्यरत रहा। स्टालिन के शासन के दौरान सोवियत संघ एक कृषि आधारित अर्थव्यवस्था से एक औद्योगिक और सैन्य महाशक्ति में बदल गया था। हालांकि, उसका शासन आतंक से भरा हुआ था और उसके क्रूर शासन के दौरान लाखों सोवियत नागरिक मारे गए थे।
स्टालिन एक युवा व्यक्ति के रूप में क्रांतिकारी राजनीति के साथ-साथ आपराधिक गतिविधियों में भी शामिल हुआ। बोल्शेविक नेता व्लादिमीर लेनिन की मृत्यु के बाद स्टालिन ने पार्टी पर नियंत्रण के लिए कौशल और चालाकी का उपयोग करके अपने प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ दिया। स्टालिन ने द्वितीय विश्व युद्ध में संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन के साथ गठबंधन किया, लेकिन बाद में पश्चिम के साथ उसके संबंध तनावपूर्ण होते गए जिसने शीत युद्ध का दौर शुरू किया। उसकी मृत्यु के बाद सोवियत संघ ने उसके सभी फैसलों को पलटने और नीतियों को बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी।
कैसा था जोसेफ स्टालिन का बचपन?
स्टालिन का जन्म 6 दिसंबर 1878 को जॉर्जिया में गोरी नामक स्थान पर हुआ था। स्टालिन के बचपन का नाम जोसेफ विसारियोनोविच ज़ुगाशविली था। जब स्टालिन का जन्म हुआ तब जॉर्जिया रूस के बादशाह जार के साम्राज्य का हिस्सा था। स्टालिन के माता-पिता बेसारियन जुगाशविली और एकातेरिन गेलाद्ज़े थे। जोसेफ स्टालिन से पहले उनके कई बच्चे हुए लेकिन स्टालिन जीवित बचने वाला उनका एकमात्र बच्चा था। बेसारियन किसी अन्य व्यक्ति के दुकान में एक मोची का काम करता था। मां दूसरों के घरों में कपड़े धोने का काम करती थी।
स्टालिन अपने गरीब मां-बाप का इकलौता बच्चा था। मोची का काम करने वाले पिता एक शराबी भी था जो अपने बेटे और बीवी को पीटता था। काफी कम उम्र में स्टालिन को चेचक की बीमारी हो गई थी, जिसके कारण उसके चेहरे पर जीवन भर के लिए चेचक के दाग रह गए। इस बीमारी की वजह से स्टालिन के बाएं हाथ में खराबी आ गई थी। जोसेफ गिरजाघर के स्कूल में पढ़ने की अपेक्षा अपने सहपाठियों के साथ लड़ने और घूमने में अधिक रुचि रखता था। स्टालिन के बारे में कहा जाता है कि वह बचपन में काफी कमजोर था जिसके कारण बच्चे उसको खूब चिढ़ाया करते थे।
स्टालिन ने 1888 से 1894 तक गोरी के एक चर्च स्कूल में पढ़ाई की। इसके बाद उसने पादरी बनने की शिक्षा प्राप्त करने के लिए तिफ्लिस थियोलॉजिकल सेमिनरी में दाखिला लिया, लेकिन कुछ ही समय बाद उसे लगा कि उसको धार्मिक किताबों में बिल्कुल भी रुचि नहीं है। वह कार्ल मार्क्स की किताबें खूब पढ़ता। घर पर केवल जॉर्जियाई भाषा बोलते हुए, गोरी में चर्च स्कूल में पढ़ते समय (1888-94) जोसेफ ने रूसी भाषा सीखी, जिसे वह हमेशा अपने जॉर्जियाई लहजे में बोलता था। अप्रैल 1899 में स्टालिन ने तिफ्लिस थियोलॉजिकल सेमिनरी छोड़ दी और फिर कभी वहां वापस नहीं लौटा। स्टालिन 19 वर्ष की उम्र में ही मार्क्स के सिद्धांतों पर आधारित एक गुप्त संस्था का सदस्य बन गया।
स्टालिन ने सत्ता में कब रखा कदम और कैसे बना तानाशाह?
साल 1924 में लेनिन की मौत हो गई। इसके बाद जोसेफ स्टालिन ने खुद को लेनिन के वारिस के तौर पर पेश किया। हालांकि पार्टी के बहुत से नेता ये समझते थे कि लेनिन के बाद लियोन ट्राटस्की ही उनके वारिस होंगे लेकिन स्टालिन ने लेनिन के बाद खुद के साम्राज्य का सपना देखा ।
इस दौरान जोसेफ स्टालिन ने अपने विचारधारा का खूब प्रचार किया। स्टालिन कहा करता कि उसका मकसद सिर्फ सोवियत संघ को मज़बूत करना है न ही की पूरी दुनिया में इंकलाब लाना। जब ट्रॉटस्की ने स्टालिन की योजनाओं का विरोध किया, तब जोसेफ स्टालिन ने उन्हें देश से निकाल दिया। 1920 तक जोसेफ स्टालिन सोवियत संघ का एक बहुत बड़ा तानाशाह बन चुका था।
जोसेफ स्टालिन के बारे में जानिए प्रमुख बातें-
- जोसेफ स्टालिन (1878-1953) 1929-1953 तक सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक संघ (यूएसएसआर) के तानाशाह थे। स्टालिन ने लाखों लोगों की हत्या की क्योंकि वह एक अविकसित सोवियत संघ को परमाणु महाशक्ति बनाने का सपना देखा था।
- स्टालिन के शासन के दौरान व्यापक अकाल के दौरान लाखों लोग मारे गए, किसानों के पास रूसी लोगों के खिलाने के लिए पर्याप्त अनाज था, लेकिन स्टालिन ने अपने कारखानों का भुगतान करने के लिए इसे निर्यात किया।
- स्टालिन वास्तव में मूल रूसी नहीं था। वह जॉर्जिया से था, एक ऐसा क्षेत्र जिस पर 1801 में रूस ने दावा किया था। बताया जाता है कि वह अपने पैतृक पक्ष से ओस्सेटियन (एक ईरानी जातीय समूह) भी हो सकता है।
- 1936-1938 में, स्टालिन ने कम्युनिस्ट पार्टी को मजबूत करने और अपनी शक्ति को और बढ़ाने के लिए "द ग्रेट पर्ज" या "द ग्रेट टेरर" की शुरुआत की। लाखों लोगों को जबरन मजदूरी के लिए भेजा गया, अपहरण कर लिया गया या मार डाला गया। स्टालिन ने लाल सेना में अपने स्वयं के जनरलों, फील्ड कमांडरों और नौसैनिक एडमिरलों में से ¾ से अधिक को हटा दिया।
- जोसेफ स्टालिन, एडॉल्फ हिटलर और माओ-त्से-तुंग सांख्यिकीय रूप से 20वीं सदी के सबसे बड़े हत्यारे माने जाते हैं। सभी तानाशाहों द्वारा मारे जाने के अलग-अलग आकड़ें हो सकते हैं लेकिन अनुमान है कि स्टालिन ने 40 मिलियन लोगों को मार डाला, माओ त्से तुंग ने 60 मिलियन लोगों को मौत के घाट उतारा और हिटलर ने 30 मिलियन लोगों को मार डाला।
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