Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Dussehra 2022: इन दो कारणों से मनाया जाता है दशहरे का पर्व, जानिए इतिहास और महत्व

दशहरा या विजयदशमी देश के कई शहरों में बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है। इस पावन पर्व के अवसर पर रावण के पुतले को जलाने का विधान है। पंचांग के अनुसार आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा पर्व को मनाया जाता है।

By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Wed, 05 Oct 2022 02:13 PM (IST)
Hero Image
दशहरा या विजयदशमी भगवान राम की विजयी के रूप में मनाया जाता है

नई दिल्ली। एनएआइ। दशहरा या विजयदशमी भगवान राम की विजयी के रूप में मनाया जाता है। उत्तर भारतीय राज्यों में इस पावन पर्व को दशहरा तो वहीं पश्चिम बंगाल में इसे विजयदशमी कहा जाता है। हिंदू धर्म में दशहरा का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक में मनाया जाता है।

माना जाता है कि इस दिन भगवान राम ने लंकापति रावण का वध किया था। इसी कारण हर साल इस दिन को मनाते हैं। दशहरा के समय भव्य रामलीला होने का साथ रावण के पुतले को जलाने का भी विधान है। पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा पर्व को मनाया जाता है। इस साल दशहरा 5 अक्टूबर बुधवार को मनाया जाएगा और इस दिन देश भर में जगह-जगह पर रावण के पुतले जलाए जाएंगे। तो आइए आपको बताते हैं इस त्योहार को मनाने के पीछे का इतिहास और महत्व।

Gold Silver Price Today: दशहरा के दिन सोने और चांदी की कीमतों में आया उछाल, जानें आपके शहर में क्या है नया रेट

यह विडियो भी देखें

इतिहास

बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा असल में दो कहानियों से जुड़ा हुआ है। शारदीय नवरात्र की दशमी तिथि के दिन मां दुर्गा ने चंडी रूप धारण करके महिषासुर नामक असुर का वध किया था। मां दुर्गा ने लगातार 9 दिनों तक महिषासुर और उसकी सेना से युद्ध किया था और 10वें दिन महिसाषुर का अंत कर विजय प्राप्त की थी। इसी दिन मर्यादा पुरुषोत्‍तम श्रीराम ने रावण का वध किया था।

राम ने 9 दिन तक मां दुर्गा की उपासनी की और 10वें दिन रावण पर विजय प्राप्त की, इसलिए इस त्योहार को विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है। रावण के बुरे कर्मों पर राम की अच्छाई की जीत हुई थी और बुराई पर अच्छाई की जीत के त्योहार के रूप में दशहरा को मनाते हैं। इस दिन रावण के साथ उनके पुत्र मेघनाद और भाई कुंभकरण के पुतले को भी फूंका जाता हैं।

Mohan Bhagwat on Minorities: 'अल्पसंख्यकों को ना संघ से खतरा और ना हिंदुओं से' नागपुर में बोले मोहन भागवत

महत्व

विजयदशमी विजय का दिन है। कुछ लोग इस दिन को रामायण संघर्ष से भी जोड़ते हैं। अन्य लोग इसे राक्षसी महिषासुर पर देवी दुर्गा की विजय को याद करने के लिए मनाते हैं। देश के कुछ क्षेत्रों में दशहरा, दिवाली महोत्सव के रूप में भी मनाते है। दशहरा के बीस दिन बाद दिवाली है। रावण पर अपनी जीत के बाद भगवान राम 14 साल के वनवास के बाद घर लौटे थे।

इस दौरान अयोध्यावासियों ने घी के दीये जलाकर उनका स्वागत किया था। इसी दिन के बाद से दिवाली को त्योहार के तौर पर मनाया जाने लगा। हालांकि, दशहरा त्योहार का मुख्य संदेश बुराई पर अच्छाई की जीत का है और इस दिन लोग समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करते हैं।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री KCR ने घोषित की अपनी राष्ट्रीय पार्टी, 'भारत राष्ट्र समिति' रखा नाम

उत्सव

नौ दिनों के नवरात्रि के बाद देश में दशहरा का पर्व बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है। दशहरा के दिन लोग रावण का वध देखने और मेला घूमने के लिए आस-पास की जगहों पर जाना पसंद करते हैं। दशहरा का आयोजन देश के लगभग हर शहरों में किया जाता है। रावण के अलावा मेघनाद और कुंभकरण के पुतलों को भी जलाया जाता है। भक्त दशमी पर मां दुर्गा की विदाई की कामना कर उनका विसर्जन भी करते है।