E Commerce Rules: ई-कॉमर्स पर भारत के रुख के साथ अमेरिका, विश्व व्यापार संगठन की वार्ता से खुद को किया अलग
ई-कॉमर्स को लेकर भारत काफी पहले से जो चिंताएं वैश्विक मंच पर प्रकट कर रहा है उस पर अमेरिका ने भी परोक्ष तौर पर मुहर लगा दी है। 25 अक्टूबर 2023 को अमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) के तहत ई-कॉमर्स को लेकर चलने वाली वार्ता से अपने आपको अलग कर दिया है। जबकि भारत का इस मामले में रुख पहले से ही काफी संयमित रहा है।
By Jagran NewsEdited By: Abhinav AtreyUpdated: Thu, 26 Oct 2023 07:15 PM (IST)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ई-कॉमर्स को लेकर भारत काफी पहले से जो चिंताएं वैश्विक मंच पर प्रकट कर रहा है, उस पर अमेरिका ने भी परोक्ष तौर पर मुहर लगा दी है। 25 अक्टूबर, 2023 को अमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) के तहत ई-कॉमर्स को लेकर चलने वाली वार्ता से अपने आपको अलग कर दिया है।
माना जा रहा है कि अमेरिका ने बेलगाम डिजिचल लेन-देन से भविष्य में राष्ट्रीय सुरक्षा को पैदा होने वाले खतरों के मद्देनजर यह फैसला किया है। अमेरिका उन देशों में से है जो वैश्विक स्तर पर-कॉमर्स को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित करने का पक्षधर रहा है। जबकि भारत का रुख पहले से ही काफी संयमित था और स्वयं पीएम नरेन्द्र ने वैश्विक मंचों से इसके खतरे को लेकर आगाह किया था।
भारत ने आसियान और सहयोगी देशों से बाहर रहने को कहा
ई-कॉमर्स को लेकर प्रावधान एक बड़ी वजह थे, जिसकी वजह से भारत ने आसियान और इसके सहयोगी पांच देशों के कारोबारी समझौते रिजीनल कंप्रेहेंसिव इकोनोमिक पार्टनरशिप (आरसेप) से बाहर रहने का फैसला किया था। अमेरिका की व्यापार मंत्री कैथरीन ताई ने बुधवार देर शाम अपने देश के फैसले को सार्वजनिक किया था।नये और सख्त नियम बनाने की जरूरत को देखते हुए उठाया कदम
माना जा रहा है कि यह कदम अमेरिकी संसद को ई-कॉमर्स और डिजिटल लेन-देन को लेकर नये व सख्त नियम बनाने की जरूरत को देखते हुए उठाया गया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में यह वार्ता शुरू की गई थी और ट्रंप स्वयं इसके बहुत ही बड़े समर्थक थे। अमेरिका ने यह कदम तब उठाया है जब वैश्विक स्तर पर उसकी कंपनियां काफी आगे हैं।
भारत मानता है कि वैश्विक डिजिटल ट्रेड को लेकर सख्य नियमन हो
अमेरिका के इस फैसले से वैश्विक डिजिटल कंपनियों की तरफ से डाटा और सोर्स कोड के इस्तेमाल को लेकर भी नई चर्चा छिड़ने की उम्मीद है। वैश्विक कारोबार पर शोध करने वाली एजेंसी जीटीआरआई ने 26 अक्टूबर, 2023 को जारी एक प्रपत्र में कहा है कि भारत मानता है कि वैश्विक डिजिटल ट्रेड को लेकर सख्य नियमन होने चाहिए। ऐसा नहीं होने पर कई तरह की चुनौतियां पैदा हो सकती हैं।