कैसे बदला था गंगा नदी का मार्ग? अमेरिकी शोधकर्ताओं ने किए चौंकाने वाले खुलासे; वर्तमान में यहां की स्थिति बेहद खतरनाक
लगभग 2500 साल पहले आए भूकंप के कारण गंगा नदी का मार्ग अचानक बदल दिया। शोधकर्ताओं ने कहा कि संभवतः 7-8 तीव्रता वाले भूकंप ने वर्तमान बांग्लादेश में नदी के मुख्य मार्ग को बदल दिया जो बड़े भूकंपीय झटकों के प्रति संवेदनशील देश है। हिमालय से निकलकर गंगा नदी बंगाल की खाड़ी में समाप्त होने से पहले ब्रह्मपुत्र और मेघना सहित अन्य प्रमुख नदियों के साथ मिल जाती है।
नई दिल्ली, पीटीआई। अमेरिकी शोधकर्ताओं की एक टीम ने सोमवार को कहा कि लगभग 2,500 साल पहले सात या आठ तीव्रता के एक बड़े भूकंप ने गंगा नदी का मार्ग बदल दिया था। इससे बांग्लादेश में घनी आबादी वाला क्षेत्र असुरक्षित बना हुआ है। यहां किसी बड़े भूकंप आने पर झटकों का व्यापक प्रभाव देखने को मिल सकता है।
भूकंप आया तो करीब 14 करोड़ लोग होंगे प्रभावित
अध्ययन का अनुमान है कि वर्तमान में यहां भूकंप आया तो करीब 14 करोड़ लोग प्रभावित होंगे। अमेरिका के कोलंबिया क्लाइमेट स्कूल के लामोंट डोहर्टी अर्थ आब्जर्वेटरी के भूविज्ञानी और अध्ययन के सह लेखक माइकल स्टेकलर ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि हमने कहीं भी इतना बड़ा भूकंप देखा है। यह अध्ययन नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। हिमालय से निकलकर गंगा नदी बंगाल की खाड़ी में समाप्त होने से पहले ब्रह्मपुत्र और मेघना सहित अन्य प्रमुख नदियों के साथ मिल जाती है।
नदियों की धारा भूकंप के कारण बदली
नदियों की धारा परिवर्तन को कहा जाता है। इसमें से कुछ नदियों की घारा भूकंप के कारण बदली हैं। प्रमुख डेल्टाओं से होकर बहने वाली अन्य नदियों की तरह गंगा भी नियमित रूप से अपना मार्ग बदलने के लिए जानी जाती है। स्टेकलर ने कहा कि नदियों को अपना मार्ग बदलने में वर्षों या दशकों का समय लग सकता है, लेकिन भूकंप तुरंत ही भूस्खलन का कारण बन जाता है।ढाका से लगभग 100 किलोमीटर दक्षिण में थी गंगा की धारा
नीदरलैंड के वैगनिंगन विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर और प्रमुख लेखक एलिजाबेथ एल चेम्बरलेन के अनुसार, गंगा जैसी विशाल नदी के लिए यह अध्ययन डेल्टा में भूकंप के कारण भूस्खलन का पहला पुष्ट उदाहरण है। उपग्रह चित्रों का उपयोग करते हुए शोध दल ने देखा कि गंगा नदी की मुख्यधारा बांग्लादेश की राजधानी ढाका से लगभग 100 किलोमीटर दक्षिण में थी।