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Earthquake: दिल्ली के अलावा इन राज्यों में भी महसूस हुए भूकंप के झटके, जयपुर तक हिली धरती; नेपाल में था केंद्र

दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में मंगलवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.2 मापी गई है। जानकारी के मुताबिक इस भूकंप का केंद्र नेपाल बताया जा रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Shalini KumariUpdated: Tue, 03 Oct 2023 03:23 PM (IST)
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दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में महसूस हुए भूकंप के तेज झटके

ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में मंगलवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.2 मापी गई है। जानकारी के मुताबिक, इस भूकंप का केंद्र नेपाल बताया जा रहा है।

आधे घंटे में दो बार कांपी धरती

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी ने मंगलवार को कहा कि नेपाल में 25 मिनट के अंतराल पर 4.6 और 6.2 तीव्रता के दो भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। इस झटके दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में भी धरती कांपी है।

एक अधिकारी ने बताया कि 2.25 मिनट पर पहला झटका महसूस किया गया है, जिसकी तीव्रता 4.6 मापी गई है। वहीं, दूसरा झटका दोपहर 2:51 बजे हिमालयी राष्ट्र में 6.2 तीव्रता का तीव्रता से महसूस हुए हैं।

दिल्ली पुलिस ने की अपील

दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में (Earthquake In Delhi-NCR) लोगों ने दूसरे भूकंप के बाद तेज झटके महसूस किए और अपने कार्यालयों और ऊंची इमारतों से बाहर निकल आए। दिल्ली पुलिस ने लोगों से न घबराने की अपील की है। दिल्ली पुलिस की ओर से सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया है, "हमें उम्मीद है कि आप सभी सुरक्षित हैं। कृपया अपनी इमारतों से बाहर सुरक्षित स्थान पर आ जाएं, लेकिन घबराएं नहीं। लिफ्ट का उपयोग न करें! किसी भी आपातकालीन मदद के लिए 112 डायल करें।"

उत्तर भारत के कई राज्यों में महसूस हुए झटके

उत्तर भारत के कई राज्यों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। दिल्ली, नोएडा, फरीदाबाद, गुरुग्राम, गाजियाबाद सहित आसपास के शहरों में धरती कांपी है। इसके साथ ही, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान में भी लोगों को भूकंप के झटके महसूस हुए हैं।

नेपाल में रहा भूकंप का केंद्र

जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (जीएफजेड) ने कहा कि मंगलवार को नेपाल (Earthquake in Nepal) में 5.6 तीव्रता का भूकंप आया। जीएफजेड ने कहा कि भूकंप 10 किमी (6.2 मील) की गहराई पर था।

क्या है भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?

मालूम हो कि जिस स्थान के ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है, उस स्थान को भूकंप का केंद्र कहते हैं। दरअसल, इस स्थान पर भूकंप का कंपन काफी ज्यादा होता है। जैसे-जैसे यह फैलती है, वैसे-वैसे इसकी तीव्रता कम होती जाती है। जानकारी के मुताबिक, यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप होता है, तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है, लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में ही है। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होता है।

कब कितनी तबाही लाता है भूकंप?

रिक्टर स्केल असर 
0 से 1.9 सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है।

2 से 2.9

हल्का कंपन
3 से 3.9 कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है।
4 से 4.9 खिड़कियां टूट सकती हैं। दीवारों पर टंगी फ्रेम गिर सकती हैं।
5 से 5.9 फर्नीचर हिल सकता है।
6 से 6.9 इमारतों की नींव दरक सकती है । ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।
7 से 7.9 इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं।
8 से 8.9 इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं। सुनामी का खतरा होता है।
9 और उससे अधिक कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे ज्यादा पूरी धरती लहराते हुए दिखेगी।

कैसे मापा जाता है भूकंप की तिव्रता और क्या है मापने का पैमाना?

आपको बता दें, भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है, जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल भी कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है और फिर भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा लगता है।

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