Move to Jagran APP

Karnataka: 'चुनाव आयोग को हर बार देनी पड़ती है अग्निपरीक्षा', CEC राजीव कुमार का बयान

मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने कहा कि देश का चुनाव आयोग अब तक 400 विधानसभा चुनाव 17 आम चुनाव और 16 राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव करा चुका है। इसके बाद भी चुनाव आयोग को हर बार अग्निपरीक्षा देनी पड़ती है।

By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Sun, 12 Mar 2023 03:41 PM (IST)
Hero Image
Karnataka: 'चुनाव आयोग को हर बार देनी पड़ती है अग्निपरीक्षा', CEC राजीव कुमार का बयान
बेंगलुरु (कर्नाटक), एजेंसी। Karnataka Assembly polls: मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने कहा कि देश का चुनाव आयोग अब तक 400 विधानसभा चुनाव, 17 आम चुनाव और 16 राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव करा चुका है। इसके बाद भी चुनाव आयोग को हर बार 'अग्निपरीक्षा' देनी पड़ती है। राजीव ने ये टिप्पणी 11 मार्च को कर्नाटक में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव को लेकर पूछे गए एक सवाल के दौरान की है।

तीन पूर्वोत्तर राज्यों में कराया चुनाव

चुनाव आयुक्त राजीव ने पत्रकारों से कहा कि ईसीआई ने तीन पूर्वोत्तर राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में हाल ही में संपन्न हुए चुनावों में 400 विधानसभा चुनाव कराने का प्रभावशाली कार्य पूरा किया है। सीईसी कुमार से पूछा गया कि क्या कर्नाटक के लोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए आयोग पर भरोसा कर सकते हैं?

इसके जवाब में उन्होंने कहा, 'चुनाव आयोग ने हाल ही में त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में 400वां राज्य विधानसभा चुनाव पूरा किया, 17 बार चुनाव संसद के लिए और 16 बार राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति के चुनाव कराए। चुनाव के बाद परिणाम स्वीकार किए जाते हैं और हर बार सत्ता का परिवर्तन मतपत्र द्वारा सुचारू रूप से किया जाता रहा है।'

'लोग चुनाव परिणामों पर भरोसा करते हैं'

सीईसी ने आगे कहा कि पिछले 70 वर्षों में भारत ने अपने सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, भौगोलिक, आर्थिक, भाषाई मुद्दों को शांतिपूर्वक और संवाद के जरिए से किया हैं। ये सब लोकतंत्र के कारण ही हो पाया है। लोग चुनाव परिणामों पर भरोसा करते हैं, लेकिन फिर भी चुनाव आयोग को हर चुनाव के बाद अग्निपरीक्षा देनी पड़ती है।

कर्नाटक के तीन दिवसीय दौरे पर चुनाव आयोग

बता दें कि चुनाव आयोग की टीम आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों की जांच के लिए तीन दिवसीय दौरे पर कर्नाटक आए हुए है। कर्नाटक विधानसभा का कार्यकाल 24 मई, 2023 तक है, इसलिए, नई विधानसभा होनी है, और उससे पहले चुनाव संपन्न होने हैं।

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में वोट-फ्रॉम-होम का ऑप्शन

राजीव कुमार ने कहा कि 80 वर्ष से ऊपर के सभी वरिष्ठ नागरिकों और विकलांग लोगों को कर्नाटक विधानसभा चुनाव में वोट-फ्रॉम-होम का ऑप्शन भी दिया जाएगा। बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनावों में, बीजेपी 104 सीटें जीतकर राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी, जबकि कांग्रेस और जेडी (एस) ने महज 78 और 37 सीटें हासिल की थी।