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ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कुर्क कीं 124 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां, पीएमएलए के तहत की गई कार्रवाई

ईडी ने आरोप लगाया कि एम3एम इंडिया होल्डिंग्स नाम की एक भागीदारी फर्म है। इसके साझीदार रूप कुमार बंसल बसंत बंसल आभा बंसल और पंकज बंसल हैं। इन्होंने भ्रष्ट तरीके से 500 करोड़ रुपये से अधिक की आय प्राप्त की थी। ईडी ने इस मामले में अब तक तीन आरोप पत्र दायर किए हैं और रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड से संबंधित संपत्तियों को कुर्क किया है।

By Jagran News Edited By: Siddharth Chaurasiya Updated: Wed, 27 Mar 2024 06:00 AM (IST)
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ईडी ने आरोप लगाया कि एम3एम इंडिया होल्डिंग्स नाम की एक भागीदारी फर्म है।
पीटीआई, नई दिल्ली। ईडी ने रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड के खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत विभिन्न कंपनियों की 124 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां कुर्क की हैं।ईडी ने मंगलवार को बयान में कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग रोकने के लिए बने कानून पीएमएलए के तहत कुर्क की गई संपत्तियां, गुरुग्राम और दिल्ली के 'पाश' इलाके में हैं।

इनमें आरएस इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लि., केनवुड मर्केंटाइल प्रा. लि., मेसर्स गुडफेथ बिल्डर्स प्रा. लि. और अन्य कंपनियों की जमीन और फार्म हाउस शामिल है। इन संपत्तियों की कुल कीमत 124.57 करोड़ रुपये है। केनवुड मर्केंटाइल प्रा. लि. और गुडफेथ बिल्डर्स प्रा. लि., एम3एम ग्रुप से जुड़ी कंपनियां हैं। गुरुग्राम और फरीदाबाद में इन कंपनियों की 430 एकड़ जमीन को कुर्क किया गया है। यह संपत्ति अपराध की कमाई से अर्जित की गई है।

ईडी ने आरोप लगाया कि एम3एम इंडिया होल्डिंग्स नाम की एक भागीदारी फर्म है। इसके साझीदार रूप कुमार बंसल, बसंत बंसल, आभा बंसल और पंकज बंसल हैं। इन्होंने भ्रष्ट तरीके से 500 करोड़ रुपये से अधिक की आय प्राप्त की थी। ईडी ने इस मामले में अब तक तीन आरोप पत्र दायर किए हैं और ''रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड से संबंधित संपत्तियों को कुर्क किया है।

वाशिंग मशीन में छिपाई गई नोटों की गड्डियों सहित 2.54 करोड़ रुपये जब्त विदेशी मुद्रा कानून के नियमों के कथित उल्लंघन के एक मामले में विभिन्न शहरों में तलाशी के दौरान ईडी ने 2.54 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की है। जब्त की गई नकदी में वाशिंग मशीन में छिपाकर रखी गई नोटों की गड्डियां भी शामिल हैं। ईडी ने मंगलवार को कहा कि कैप्रिकार्नियन शिपिंग एंड लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड और इसके निदेशकों विजय कुमार शुक्ला और संजय गोस्वामी के परिसरों की तलाशी ली गई।

इनसे संबंधित कंपनियों लक्ष्मीटन मैरीटाइम, हिंदुस्तान इंटरनेशनल, राजनंदिनी मेटल्स लिमिटेड, स्टावार्ट अलायज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, भाग्यनगर लिमिटेड, विनायक स्टील्स लिमिटेड, वशिष्ठ कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियों के परिसर और उनके निदेशकों/साझेदारों संदीप गर्ग, विनोद केडिया और अन्य के परिसरों की तलाशी ली गई। ईडी ने यह नहीं बताया कि दिल्ली, हैदराबाद, मुंबई, कोलकाता और हरियाणा के कुरुक्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर यह ये छापेमारी कब की गई। यह भी नहीं बताया गया कि वाशिंग मशीन में रखी नकदी कहां से बरामद हुई।

यह कार्रवाई ''विश्वसनीय जानकारी'' के आधार पर की गई थी कि ये कंपनियां ''बड़े पैमाने पर'' भारत के बाहर विदेशी मुद्रा भेजने में शामिल थीं। गैलेक्सी शिपिंग एंड लॉजिस्टिक्स पीटीई लिमिटेड और होराइजन शिपिंग एंड लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड, सिंगापुर को 1,800 करोड़ रुपये की राशि विदेश भेजी थी। इन दोनों विदेशी कंपनियों का प्रबंधन एंथनी डीसिल्वा द्वारा किया जाता है।

कैप्रिकार्नियन शिपिंग एंड लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड, लक्ष्मीटन मैरीटाइम ने अपने सहयोगियों के साथ फर्जी माल ढुलाई सेवाओं, आयात और लेनदेन की आड़ में नेहा मेटल्स, अमित स्टील ट्रेडर्स, ट्रिपल एम मेटल एंड अलायज और एचएमएस मेटल्स जैसी मुखौटा कंपनियों (शेल कंपनियों) के जरिये सिंगापुर स्थित कंपनियों को 1,800 करोड़ रुपये विदेश भेजे। तलाशी के दौरान विभिन्न दस्तावेज और डिजिटल उपकरणों और नकदी को जब्त कर लिया गया है। कुल 47 बैंक खाते भी फ्रीज कर दिए गए हैं।

सम्प्राश फूड्स, निदेशकों की 50.37 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क

एएनआई के अनुसार, ईडी ने संप्राश फूड्स लिमिटेड और इसके निदेशक चंद नारायण कुचरू और उसके सहयोगी कंपनी अनमोल रतन कंस्ट्रक्शन एंड बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित 50.37 करोड़ रुपये की संपत्तियों को कुर्क किया है। पीएमएलए के तहत कुर्क की गई इन संपत्तियों में छह चल और अचल जब्त संपत्तियां शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में ईडी के जोनल कार्यालय ने इन संपत्तियों को कुर्क किया जो उत्तर प्रदेश के अलीगढ़, और हरियाणा के गुड़गांव और फरीदाबाद में हैं। ये संपत्तियां खाद्य प्रसंस्करण संयंत्र के संयंत्र और मशीनरी, गैर-कृषि भूमि, कार्यालय परिसर और आवासीय फ्लैट के रूप में हैं।