ED ने पूर्व NSG अधिकारी की 45 करोड़ रुपये की संपत्ति की कुर्क, मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले हुई कार्रवाई
गुरुग्राम के मानेसर में ब्लैक कैट्स कमांडो फोर्स के गैरीसन में सिविल वर्क्स के लिए जारी किए गए टेंडर दस्तावेजों में कथित फर्जीवाड़ा सामने आया था। इस मामले में एक पूर्व NSG अधिकारी और उनके परिवार के सदस्यों की 45 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की गई है।
By Jagran NewsEdited By: Versha SinghUpdated: Sat, 17 Jun 2023 03:22 PM (IST)
नई दिल्ली, एजेंसी। गुरुग्राम के मानेसर में 'ब्लैक कैट्स' कमांडो फोर्स के गैरीसन में सिविल वर्क्स के लिए जारी किए गए टेंडर दस्तावेजों में कथित फर्जीवाड़ा सामने आया था।
इस मामले में एक पूर्व NSG अधिकारी और उनके परिवार के सदस्यों की 45 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की गई है। इसकी जानकारी शनिवार को निदेशालय (ईडी) ने दी।
पूर्व NSG अधिकारी की संपत्ति कुर्क
एजेंसी ने एक बयान में कहा कि प्रवीण यादव और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ धनशोधन रोधी कानून (anti-money laundering law) के तहत कुल 45.20 करोड़ रुपये मूल्य की 52 चल और अचल संपत्तियों (movable and immovable properties) को कुर्क करने का अस्थायी आदेश जारी किया गया है।इसमें कहा गया है कि यादव सीमा सुरक्षा बल (BSF) से प्रतिनियुक्ति पर राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) में शामिल हुए थे और दिल्ली के पास गुरुग्राम के मानेसर स्थित कमांडो बल की छावनी में टीम कमांडर (डिप्टी कमांडेंट रैंक के समकक्ष) के रूप में तैनात थे।
ED ने की कार्रवाई
ED ने कहा कि NSG ठेके देने के नाम पर कथित धोखाधड़ी पिछले साल जनवरी में तब सामने आई जब गुरुग्राम पुलिस ने NSG अधिकारी को गिरफ्तार किया, जो कथित तौर पर खुद को कमांडो फोर्स में कार्यरत IPS अधिकारी, उसकी पत्नी ममता यादव, बहन रितुराज को गिरफ्तार कर रहा था। गुरुग्राम और कुछ अन्य में एक्सिस बैंक की सेक्टर 84 शाखा में प्रबंधक के रूप में काम कर रहे हैं।पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कुल 5 प्राथमिकी दर्ज की, जिसमें दिनेश मोहन सोरखी, कमल सिंह, कोशिया एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड, नवीन खटोदिया, एक्सिस बैंक और अज्ञात व्यक्ति शामिल थे।
एजेंसी ने कहा कि जांच में पाया गया कि प्रवीण यादव ने ईएमडी (बयाना जमा) के नाम पर सेंट्रल वेयरहाउस एनएसजी, मानेसर में एक्सिस बैंक, गुरुग्राम के साथ एक "फर्जी" बैंक खाता खोला और सभी शिकायतकर्ताओं (इच्छुक ठेकेदारों) को फर्जी दस्तावेज दिए। ये एनएसजी परिसर में काम के लिए आगामी निविदाओं के लिए बल द्वारा जारी किए गए दस्तावेज हैं।