Money Laundering Case: पहली बार ED के आरोप पत्र में राबर्ट वाड्रा का नाम, सुमित चड्ढा से कनेशन का खुलासा; गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी
हथियार डीलर संजय भंडारी के खिलाफ मनी लांड्रिंग मामले में ईडी ने यूएई में रह रहे एनआरआइ व्यवसायी सीसी थंपी और यूके के नागरिक सुमित चड्ढा के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में आरोप पत्र दायर किया है। आरोप पत्र में ईडी ने पहली बार कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा का नाम लिया है। ईडी ने जांच में पाया कि थंपी वाड्रा का करीबी सहयोगी है।
पीटीआई, नई दिल्ली। हथियार डीलर संजय भंडारी के खिलाफ मनी लांड्रिंग मामले में ईडी ने यूएई में रह रहे एनआरआइ व्यवसायी सीसी थंपी और यूके के नागरिक सुमित चड्ढा के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में आरोप पत्र दायर किया है।
पहली बार राबर्ट वाड्रा का नाम
आरोप पत्र में ईडी ने पहली बार कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा का नाम लिया है। ईडी ने अपनी जांच में पाया कि थंपी वाड्रा का करीबी सहयोगी है। राबर्ट वाड्रा ने न केवल सुमित चड्ढा के माध्यम से लंदन के 12 ब्रायनस्टन स्क्वायर स्थित संपत्ति का नवीनीकरण कराया, बल्कि वहां रुके भी थे, जोकि मनी लांड्रिंग से हुई कमाई का हिस्सा है।
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थंपी और चड्ढा को समन जारी
पटियाला हाउस कोर्ट ने आरोप पत्र का संज्ञान लेते हुए थंपी और चड्ढा को समन जारी किया है। साथ ही ईडी द्वारा समन जारी होने के बावजूद जांच में शामिल नहीं होने पर अदालत ने चड्ढा के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया। मामले में 29 जनवरी को अगली सुनवाई होगी।
आरोप पत्र में ईडी ने दावा किया है कि राबर्ट वाड्रा और सीसी थंपी ने फरीदाबाद में जमीन का एक बड़ा हिस्सा खरीदा और एक-दूसरे के साथ वित्तीय लेनदेन किया है। संजय भंडारी के पास विभिन्न अघोषित विदेशी आय और संपत्तियां हैं और इनमें लंदन में 12 ब्रायनस्टन स्क्वायर और सिक्स ग्रोसवेनर हिल कोर्ट में संपत्तियां हैं।
अपराध की आय से अर्जित की गई हैं संपत्तियाः ईडी
ईडी ने दावा किया है कि पीएमएलए के प्रविधानों के अनुसार यह संपत्तियां अपराध की आय से अर्जित की गई हैं। सीसी थंपी और सुमित चड्ढा को अपराध की इन आय को छिपाने और उपयोग करने में शामिल पाया गया है। चड्ढा ने आरोपित संजय भंडारी और उनके सहयोगियों के साथ विभिन्न लेनदेन किए थे। थंपी को जनवरी 2020 में गिरफ्तार किया गया था, फिलहाल वह जमानत पर है।
यह भी पढ़ेंः Vivo Money Laundering Case: कोर्ट ने वीवो के तीन अधिकारियों को ED की दो दिन की हिरासत में भेजा, ये है मामलाभंडारी 2016 में ब्रिटेन भाग गया था और ब्रिटिश सरकार ने ईडी और सीबीआइ के कानूनी अनुरोध पर कार्रवाई करते हुए इस साल जनवरी में भारत में उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी। दोनों एजेंसियां विदेश में कथित अघोषित संपत्ति रखने के लिए व्यवसायी के खिलाफ मनी लांड्रिंग और कर चोरी के आरोपों की जांच कर रही हैं।
इस मामले में वाड्रा से ईडी पहले भी पूछताछ कर चुकी है और उन्होंने कुछ भी गलत नहीं करने का दावा किया है। ईडी ने आयकर विभाग के आरोप पत्र का संज्ञान लेते हुए फरवरी 2017 में भंडारी और अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग का आपराधिक मामला दर्ज किया था।