Tamil Nadu: सेंथिल बालाजी के नेतृत्व में भ्रष्टाचार का मुखिया बना परिवहन विभाग, ED ने आरोप पत्र में किया दावा
ईडी ने हाल में दायर आरोप पत्र में दावा किया कि मंत्री वी. सेंथिल बालाजी के नेतृत्व में नौकरियों के बदले नकदी घोटाले को अंजाम दिया गया। उनके कार्यकाल में तमिलनाडु परिवहन विभाग में पूरी भर्ती प्रक्रिया को भ्रष्टाचार के मुखिया के रूप में बदला गया। द्रमुक नेता बालाजी (47 वर्षीय) को ईडी नौकरियों के बदले नकदी घोटाले के सिलसिले में 14 जून को गिरफ्तार किया था।
By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Wed, 30 Aug 2023 10:21 PM (IST)
चेन्नई, पीटीआई। ईडी ने हाल में दायर आरोप पत्र में दावा किया कि मंत्री वी. सेंथिल बालाजी के नेतृत्व में 'नौकरियों के बदले नकदी घोटाले' को अंजाम दिया गया। उनके कार्यकाल में तमिलनाडु परिवहन विभाग में पूरी भर्ती प्रक्रिया को 'भ्रष्टाचार के मुखिया' के रूप में बदला गया।
इसी साल 14 को बालाजी हुए थे गिरफ्तार
पीएमएलए की विभिन्न धाराओं के तहत दायर जांच एजेंसी ने 12 अगस्त को चेन्नई में एक विशेष अदालत के समक्ष दायर की थी, जिसने 16 अगस्त को इसका संज्ञान लिया था। द्रमुक नेता बालाजी (47 वर्षीय) को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2011 से 2016 तक पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक सरकार में परिवहन मंत्री रहने के दौरान 'नौकरियों के बदले नकदी घोटाले' के सिलसिले में 14 जून को गिरफ्तार किया था।
बालाजी की 15 सितंबर तक बढ़ी हिरासत
पुझल जेल में बंद बालाजी मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में बिना विभाग के मंत्री बने हुए हैं और उनकी न्यायिक हिरासत 15 सितंबर तक बढ़ा दी गई है। ईडी ने आरोप पत्र में आरोप लगाया कि तत्कालीन मंत्री वी. सेंथिल बालाजी के कार्यकाल के दौरान परिवहन विभाग में पूरी भर्ती एक 'भ्रष्टाचारी मुखिया' में बदल गई, जिसमें प्रमुख (वी.सेंथिल बालाजी) के अवैध निर्देशों के अनुसार भर्ती प्रक्रिया को डिजाइन और कार्यान्वित किया गया था।ईडी ने पद का दुरुपयोग का किया दावा
जांच एजेंसी ने कहा कि बालाजी ने भ्रष्ट और अवैध तरीकों से निजी लाभ के लिए परिवहन मंत्री के रूप में अपनी आधिकारिक क्षमता का दुरुपयोग करते हुए एक 'महत्वपूर्ण और केंद्रीय' भूमिका निभाई। इसमें आरोप लगाया गया है, उन्होंने आपराधिक गतिविधियों से सीधे अवैध आय अर्जित की और रणनीति बनाने के लिए अपने भाई, निजी सहायकों और परिवहन विभाग के अधिकारियों सहित सह-साजिशकर्ताओं के साथ सहयोग किया।
ईडी ने कहा कि बालाजी और उनके दो निजी सहायकों बी. षणमुगन और एम. कार्तिकेयन ने अपने बयान दर्ज कराने के दौरान एक-दूसरे के साथ अपने संबंधों से इन्कार किया, लेकिन जांच और फोरेंसिक जांच ने उनके संबंधों और उनकी (बालाजी की) भागीदारी और भूमिका को निर्णायक रूप से स्थापित किया।