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वाल्मीकि निगम घोटाला मामले में ED का बड़ा एक्शन, कर्नाटक के पूर्व मंत्री बी. नागेंद्र को हिरासत में लिया

Karnataka Valmiki corp scam ईडी ने कर्नाटक के महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड में अनियमितताओं से जुड़े केस में जांच के तहत पूर्व मंत्री बी. नागेंद्र को शुक्रवार को हिरासत में ले लिया है। नागेंद्र ने इसी घोटाले में अपने खिलाफ लगे आरोपों के बाद मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। जानिए क्या है पूरा मामला।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Fri, 12 Jul 2024 08:21 PM (IST)
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आरोप है कि निगम के बैंक खाते से 187 करोड़ रुपए अनाधिकृत रूप से स्थानांतरित किए गए।

पीटीआई, बेंगलुरु। ईडी ने कर्नाटक के पूर्व मंत्री बी. नागेंद्र को शुक्रवार को हिरासत में लिया। महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लांड्रिंग जांच के तहत ईडी ने यह कार्रवाई की है।

इस घोटाले के सिलसिले में अपने खिलाफ लगे आरोपों के बाद नागेन्द्र ने छह जून को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। ईडी ने पिछले दो दिनों में कई स्थानों पर तलाशी ली है, जिनमें नागेंद्र और कांग्रेस विधायक बसनगौड़ा दद्दल, जो निगम के अध्यक्ष हैं, के परिसर भी शामिल हैं।

लेखा अधीक्षक की आत्महत्या के बाद खुलासा

निगम से जुड़े अवैध फंड ट्रांसफर के मामले का पता तब चला, जब लेखा अधीक्षक चंद्रशेखरन ने 26 मई को आत्महत्या कर ली। चंद्रशेखरन ने सुसाइड नोट में दावा किया कि निगम के बैंक खाते से 187 करोड़ रुपए अनाधिकृत रूप से स्थानांतरित कर दिए गए।

चंद्रशेखरन ने नोट में निगम के अब निलंबित प्रबंध निदेशक जेजी पद्मनाभ, लेखा अधिकारी परशुराम जी. दुरुगनवर और यूनियन बैंक आफ इंडिया की मुख्य प्रबंधक सुचिस्मिता रावल का नाम लिया है। चंद्रशेखरन ने नोट में लिखा कि मंत्री ने धन हस्तांतरित करने के लिए मौखिक आदेश दिए थे।