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'वोट के बदले नोट', कांग्रेस विधायक ने बेल्लारी में बांटे दो-दो सौ रुपये; ईडी ने चार्जशीट में लगाए आरोप

केंद्रीय जांच एजेंसी ने विधायक पर यह भी आरोप लगाया है कि उन्होंने सरकारी फंड के धन को अपनी निजी खर्चों में भी इस्तेमाल किया है। ईडी ने अपने आरोप पत्र में दावा किया है कि कर्नाटक के वाल्मीकि कारपोरेशन घोटाले में आरोपित कांग्रेस के पूर्व मंत्री बी.नागेंद्र समेत उनके सहयोगियों ने बेल्लारी लोकसभा सीट में सात लाख से अधिक लोगों को वोट के बदले 200-200 रुपये दिए हैं।

By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Tue, 15 Oct 2024 10:48 PM (IST)
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कांग्रेस विधायक ने बेल्लारी में बांटे दो-दो सौ रुपये; ईडी ने चार्जशीट में लगाए आरोप

 पीटीआई, नई दिल्ली। ईडी ने अपने आरोप पत्र में दावा किया है कि कर्नाटक के वाल्मीकि कारपोरेशन घोटाले में आरोपित कांग्रेस के पूर्व मंत्री बी.नागेंद्र समेत उनके सहयोगियों ने इस साल हुए आम चुनाव में बेल्लारी लोकसभा सीट में सात लाख से अधिक लोगों को वोट के बदले 200-200 रुपये दिए हैं।

यह रकम वाल्मीकि घोटाले से मिले धन की है जिसे चुनाव जीतने के लिए इस्तेमाल किया गया था। केंद्रीय जांच एजेंसी ने विधायक पर यह भी आरोप लगाया है कि उन्होंने सरकारी फंड के धन को अपनी निजी खर्चों में भी इस्तेमाल किया है।

आरोपपत्र में दावा-लोकसभा चुनाव में सात लाख से अधिक लोगों को दिए नोट

जैसे अपने और अपने साथियों के लिए विमान के टिकट खरीदना, बिजली के बिलों का भुगतान, वाहनों का रखरखाव और घरेलू स्टाफ का मासिक वेतन आदि इसमें शामिल है।

इससे पहले, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने कहा कि कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास कारपोरेशन को कोष में इस साल की शुरुआत में धांधली की बात कही गई थी, लेकिन इसके कोष में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।

सरकार इस साल बजट में घोषित धन को कॉरपोरेशन के फंड में मुहैया कराएगी। उन्होंने कहा कि इसके कोष में 89.63 करोड़ रुपये की धांधली हुई थी जिसमें से 71.64 करोड़ रुपये की रिकवरी हो चुकी है।

कांग्रेस नेता पर वाल्मीकि घोटाले की रकम चुनाव में खर्च करने का आरोप

उल्लेखनीय है कि ईडी ने पहले कांग्रेस विधायक बी.नागेंद्र और अन्य लोगों को इस कारपोरेशन घोटाले में आरोपित बनाकर गिरफ्तार किया था। नागेंद्र को जनप्रतिनिधित्व के लिए सोमवार को विशेष अदालत से जमानत मिल गई थी। उन्होंने घोटाले में नाम आने के बाद अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री के पद से जून में ही इस्तीफा दे दिया था।

ईडी ने कहा था कि उसकी जांच से पता चला है कि नागेंद्र के प्रभाव में, निगम का खाता बिना किसी उचित प्राधिकरण के एमजी रोड शाखा में स्थानांतरित कर दिया गया था, जहां गंगा कल्याण योजना के तहत राज्य के खजाने से 43.33 करोड़ रुपये सहित 187 करोड़ रुपये जमा किए गए थे। उचित प्रक्रियाओं का पालन किए बिना और सरकारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए जमा किए गए थे।

संघीय जांच एजेंसी ने जोड़ा कि बाद में इन फंडों को कई शेल खातों के माध्यम से निकाल लिया गया और नकदी और बुलियन में बदल दिया गया। ईडी की जांच में यह भी पता चला कि रुपये की राशि। डायवर्ट किए गए फंड में से 20.19 करोड़ का इस्तेमाल बेल्लारी निर्वाचन क्षेत्र से 2024 लोकसभा चुनाव लड़ने वाले एक उम्मीदवार का समर्थन करने के साथ-साथ बी. नागेंद्र के निजी खर्चों के लिए किया गया था।