अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआइपी चॉपर मामले में सुप्रीम कोर्ट जाएगा ईडी, जानिए- क्या है वजह
ईडी ने अर्जी दायर कर कहा था कि राजीव सक्सेना जांच में सहयोग नहीं कर रहा। वह गुमराह कर रहा है और सरकारी गवाह बनने के बाद भी अन्य आरोपितों के संपर्क में है।
By Tilak RajEdited By: Updated: Sat, 05 Sep 2020 06:09 AM (IST)
नई दिल्ली, जासं। 3600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआइपी चॉपर से जुड़े धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा। हाई कोर्ट ने आरोपित दुबई निवासी व्यापारी राजीव सक्सेना के सरकारी गवाह होने की हैसियत को बदलने से इन्कार कर दिया था।
न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ के समक्ष ईडी ने कहा कि 8 जून के हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ विशेष अनुमति याचिका दायर करने की प्रक्रिया जारी है। इसके बाद कोर्ट ने राजीव सक्सेना की जमानत याचिका को निरस्त करने की मांग पर सुनवाई 15 अक्टूबर तक स्थगित कर दिया। दरअसल, ईडी ने अर्जी दायर कर कहा था कि राजीव सक्सेना जांच में सहयोग नहीं कर रहा। वह गुमराह कर रहा है और सरकारी गवाह बनने के बाद भी अन्य आरोपितों के संपर्क में है। 25 बार बुलाने के बावजूद सक्सेना जांच में शामिल नहीं हुआ। लिहाजा, उससे सरकारी गवाह की हैसियत वापस ली जाए।
बता दें कि यह विवादित सौदा साल 2014 में रद हो गया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2015 को दाखिल अपनी चार्जशीट में कहा था कि एडवोकेट गौतम खेतान और पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी के चचेरे भाइयों के खातों में विदेश से भारी रकम भेजी गई, जिसका इस्तेमाल प्रभावशाली लोगों को दलाली देने के लिए किया गया। ईडी ने कथित रूप से स्विस बैंक में खाता रखने और उसकी सूचना न देने के आरोप में 2018 में श्रवण गुप्ता की 10.28 करोड़ की संपत्ति जब्त की थी। कुछ समय पहले ही CBI ने भी केंद्र के पांच अधिकारियों के खिलाफ 3,600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में कथित भूमिका के लिए मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।