गरीबों की छत से चुनावी जमीन मजबूत करने की भी जुगत, 66 प्रतिशत बढ़ाया पीएम आवास योजना का बजट
चुनावी राज्यों को लक्षित कर कोई घोषणा नहीं की गई है लेकिन जिस तरह से 66 प्रतिशत वृद्धि के साथ बजट में 79590 करोड़ रुपया प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए दिया गया है वह बहुत बड़े वर्ग को प्रभावित कर रहा है।
By Jagran NewsEdited By: Amit SinghUpdated: Thu, 02 Feb 2023 08:24 PM (IST)
जितेंद्र शर्मा, नई दिल्ली: विकासवाद की राजनीति की नई लकीर खींच रही मोदी सरकार ने बेशक, बजट में चुनावी रेवड़ियां नहीं बांटीं, लेकिन पार्टी का 'अंत्योदय' का सिद्धांत उसके लिए सफलता का सूत्र जरूर साबित हो रहा है। गरीब कल्याण को सरकार की प्राथमिकता बताते हुए सरकार ने इस बार प्रधानमंत्री आवास योजना में 66 प्रतिशत बजट आवंटन बढ़ाया है। इसमें ग्रामीण क्षेत्र के आवासों के लिए ज्यादा पैसा दिया गया है।
रणनीति स्पष्ट है कि जब भाजपा 2024 में लोकसभा चुनाव के मैदान में होगी, तब लगभग तीन करोड़ से अधिक परिवार उसकी गरीब कल्याण की नीति पर संतुष्टि और सहमति की मुहर लगा रहे होंगे। कभी शहरी क्षेत्र की पार्टी कही जाने वाली भाजपा ने 2014 में सत्ता में आने के बाद राजनीति की दिशा को गांव, गरीब और वंचितों की ओर खास तौर पर मोड़ा। इसका परिणाम उसकी लगातार बंपर जीत के रूप में सामने भी आया। गरीबों के लिए जन-धन खातों, किसानों को सम्मान निधि, मुफ्त अनाज, मुफ्त बिजली कनेक्शन, रसोई गैस सिलेंडर से लेकर यह संकल्प भी ले लिया कि 2024 तक हर गरीब को प्रधानमंत्री आवास योजना से पक्की छत मुहैया कराई जाएगी।
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यही वजह है कि केंद्र की मोदी सरकार पर खास तौर पर जनता का भरोसा इतना मजबूत हुआ कि राजस्थान, छत्तीसगढ़, बंगाल जैसे राज्यों में भी विधानसभा चुनावों में भले ही दूसरे दलों को वोट दिया हो, लेकिन लोकसभा चुनाव में विश्वास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर ही जताया। पिछले वर्ष हुए उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भी मोदी सरकार की गरीब कल्याण योजनाओं का काफी असर रहा, जिसके बलबूते योगी सरकार दोबारा सत्ता में आई। अब इस वर्ष नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव तो अगले वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं।
चुनावी राज्यों को लक्षित कर कोई घोषणा नहीं की गई है, लेकिन जिस तरह से 66 प्रतिशत वृद्धि के साथ बजट में 79,590 करोड़ रुपया प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए दिया गया है, वह बहुत बड़े वर्ग को प्रभावित कर रहा है। दरअसल, 2024 तक पीएम आवास योजना ग्रामीण के तहत 2,83,00,416 गरीबों के लिए पक्के घर स्वीकृत हैं, जिनमें से 2,12,69,531 घर बन चुके हैं। इनके लिए 54,487 करोड़ रुपये बजट में रखे गए हैं। इसी तरह पीएम आवास योजना शहरी के तहत 122.69 लाख आवास स्वीकृत हैं, जिनमें से 68.02 लाख बन चुके हैं। इनके लिए 25,103 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
यहां गौर करने वाली बात है कि यदि हम अधिक लोकसभा सीटों वाले शीर्ष दस राज्यों उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, बिहार, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात और आंध्रप्रदेश को ही ले लें तो इनकी कुल लोकसभा सीटें 382 होती हैं और इन राज्यों में सिर्फ प्रधानमंत्री गरीब आवास योजना के तहत दो करोड़ से अधिक परिवारों के लिए आवास स्वीकृत हैं। अधिकांश को पक्का घर मिल चुका है और बाकी को 2024 तक दे देने की तैयारी है।
महिला मतदाताओं पर बड़ा प्रभाव पिछले चुनावों में भी देखने को मिला है कि महिला मतदाताओं ने मोदी सरकार को काफी समर्थन दिया है। यूं तो उनके हित के लिए भी सरकार की तमाम योजनाएं और प्रयास हैं, लेकिन सिर्फ प्रधानमंत्री आवास योजना की भी बात करें तो यह योजना महिलाओं के वर्ग को मजबूती से भाजपा से जोड़ने में कामयाब रही है। इसकी वजह यह कि सरकार इन आवासों का स्वामित्व भी महिलाओं को दे रही है।
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