Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Chandrayaan-3: विक्रम और प्रज्ञान को जगाने की कोशिशें तेज, नहीं मिल रहे कोई सिग्नल

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की बदौलत चांद पर हिंदुस्तान का ध्वज लहरा रहा है और अब इसरो विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को जगाने की कोशिशों में जुटा हुआ है। इसरो ने कहा कि विक्रम और प्रज्ञान के साथ संचार को स्थापित करने की कोशिशें की गईं ताकि उनकी स्थिति का पता लगाया जा सके। बता दें कि इसरो दोनों को 23 सितंबर को नींद से जगाने की कोशिश करेगा।

By Anurag GuptaEdited By: Anurag GuptaUpdated: Fri, 22 Sep 2023 07:43 PM (IST)
Hero Image
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का चंद्रयान-3 (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की बदौलत चांद पर 'हिंदुस्तान' का ध्वज लहरा रहा है और अब इसरो विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को जगाने की कोशिशों में जुटा हुआ है। इसी से जुड़ा हुआ एक नया अपडेट सामने आया है।

यह भी पढ़ें:  23 सितंबर को मून वॉक के लिए रि-एक्टिवेट होगा रोवर प्रज्ञान, ISRO ने दिया अपडेट

ISRO ने क्या कुछ कहा?

बता दें कि इसरो विक्रम और प्रज्ञान के साथ संचार स्थापित करने की कोशिशों में जुटा हुआ है और अभी तक दोनों से कोई सिग्नल नहीं मिले हैं। इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट शेयर किया। इसरो ने कहा,

विक्रम और प्रज्ञान के साथ संचार को स्थापित करने की कोशिशें की गईं ताकि उनके जागने की स्थिति का पता लगाया जा सके। हालांकि, अभी तक उनकी तरफ से कोई सिग्नल प्राप्त नहीं हुआ है। संपर्क स्थापित करने की कोशिश जारी रहेगी।

कब नींद से जागेंगे विक्रम और प्रज्ञान?

इसरो विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को 23 सितंबर को नींद से जगाने की कोशिश करेगा। फिलहाल विक्रम और प्रज्ञान एक दिन और सोएंगे। 

यह भी पढ़ें: भारत की बढ़ेगी स्पेस इकोनॉमी, Space Sector में FDI मानदंडों को आसान बनाएगी सरकार

अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक नीलेश देसाई के मुताबिक, हमने 22 सितंबर को विक्रम और प्रज्ञान को नींद से जगाने की प्लानिंग की थी, लेकिन कुछ कारणों की वजह से विक्रम और प्रज्ञान को 23 सितंबर को जगाया जाएगा।

सनद रहे कि इसरो ने 23 अगस्त को चांद का दीदार किया था। चंदा मामा के सफर पर निकला चंद्रयान-3 23 अगस्त को मामा की गोद में जाकर बैठा था। इसी के साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया था।