भारत और मिस्त्र के बीच कई समझौते होने की संभावना, IOC के प्रमुख देश को चाहिए गेहूं, तेजस और आकाश मिसाइल
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मिस्त्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतेल अल-सिसी के बीच द्विपक्षीय स्तर की वार्ता होगी। इस दौरान दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग से जुड़े आधे दर्जन समझौतों पर भी हस्ताक्षर होने की संभावना जताई जा रही है।
By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Fri, 20 Jan 2023 10:33 PM (IST)
नई दिल्ली, जयप्रकाश रंजन। 24 जनवरी, 2022 को भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचने वाले मिस्त्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतेल अल-सिसी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ होने वाली द्विपक्षीय वार्ता में ज्यादा गेहूं आपूर्ति और रक्षा क्षेत्र में बड़े सहयोग का आग्रह कर सकते हैं। दुनिया के विकासशील देशों के अगुवा बनने का दम ठोकने के बाद भारत निर्गुट आंदोलन के सहयोगी रहे इस देश की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर रहा है और बहुत संभव है कि इस बारे में एक अहम घोषणा भी अगले हफ्ते हो। मिस्त्र भारत निर्मित युद्धक विमान तेजस व आकाश मिसाइल को लेकर काफी इच्छुक है।
आधे दर्जन समझौते होने की संभावना
पीएम मोदी और राष्ट्रपति सिसी के बीच होने वाली द्विपक्षीय स्तरों की वार्ता के बाद दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग से जुड़े आधे दर्जन समझौतों पर भी हस्ताक्षर होने की संभावना है। मुस्लिम, अरब और अफ्रीकी देशों में मिस्त्र की खास अहमियत को देखते हुए भारत अल-सिसी की इस यात्रा को हर तरह से सफल बनाना चाहता है। अल-सिसी 26 जनवरी, 2022 को गणतंत्र दिवस पर देश के राजकीय मेहमान होंगे। 25 जनवरी को उनकी पीएम मोदी के साथ एकांत में और अधिकारियों के साथ दो बैठकें होंगी। पीएम मोदी ने उनके सम्मान में राजकीय भोज देंगे।
अरब देशों से सिसी पांचवे राष्ट्राध्यक्ष हैं जिन्हें दुनिया के सबसे बड़े गणतंत्र ने राजकीय मेहमान के तौर पर आमंत्रित किया है। अभी यह कहना तो जल्दबाजी होगा कि 50 व 60 के दशक में जो पर्सनल केमिस्ट्री पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू और मिस्त्र के तत्कालीन राष्ट्रपति जी एम नासेर के बीच थी वही मोदी व सिसी के बीच होगी लेकिन यह स्पष्ट है कि बदलते वैश्विक मंच पर दोनों देश एक दूसरे की जरूरत महसूस कर रहे हैं।
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आर्थिक संकट से जूझ रहा मिस्त्र
सूत्रों ने बताया कि अभी मिस्त्र काफी बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है। वहां का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 20 अरब डॉलर हो गया था और अभी यह 34 अरब डॉलर हुआ है लेकिन यह काफी कम है। साथ ही वहां महंगाई की दर लगातार 20 फीसद से ज्यादा बनी हुई है। अभी तक रूस व यूक्रेन पर गेहूं के लिए निर्भर भारत से अब ज्यादा से ज्यादा गेहूं चाहता है। पिछले वर्ष भारत ने 61 हजार टन गेहूं उसे दिया था। संभवत: गेहूं की एक और बड़ी खेप वहां भेजी जाए।मिस्त्र हॉस्पिटल, पर्यटन, आईटी, रेनवेबल सेक्टर में भारतीय कंपनियों को लुभाने की कोशिश में है और संकेत है कि भारतीय कंपनियां भी इसको लेकर उत्साहित हैं। हाल ही में तीन बड़ी रेनवेबल सेक्टर की कंपनियों ने वहां निवेश किया है। इन कंपनियों ने वहां हजारों लोगों को रोजगार दिया है जिससे भारतीय कंपनियों की बहुत ही अच्छी साख बनी है। अल सिसी नई दिल्ली में भारतीय उद्यमियों से अलग से मुलाकात करने वाले हैं। दोनो देशों का द्विपक्षीय कारोबार वर्ष 2021-22 में 75 फीसद बढ़कर 7.26 अरब डॉलर का हो गया था और अब 12 अरब डॉलर का लक्ष्य रखा गया है।
सूत्रों का कहना है कि मिस्त्र भारत से आकाश मिसाइल सिस्टम और सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स (HAL) की युद्धक विमान तेजस में भी भारी रूचि रखता है। इस बारे में एचएएल के अधिकारियों की मिस्त्र में लगातार बातचीत हो रही है। बताते चलें कि 60 के दशक में भी दोनों देशों के बीच साझा युद्धक विमान बनाने को लेकर बात हुई थी। अभी मिस्त्र तेजस के अलावा अत्याधुनिक हेलीकॉप्टर देश में बनाने की भारत सरकार के कार्यक्रम में भी अपनी रूचि दिखा रहा है। भारत भी मिस्त्र को एक अहम रणनीतिक साझेदार के तौर पर अब देखने लगा है।
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