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भारत के मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम में आठ बड़ी कंपनियों ने दिखाई रुचि, IIT मद्रास 300 नवोन्मेषों पर कर रहा काम

हाल ही में आईआईटी मद्रास के सहयोग से स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम भरोस (भार-ओएस) तैयार हुआ जिसे देश को सौंपा गया। बता दें कि देश को तकनीकी आत्मनिर्भरता का सशक्त आधार दे रहा आईआईटी मद्रास करीब 300 नवोन्मेषों पर काम कर रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Fri, 03 Feb 2023 04:02 AM (IST)
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भारत के मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम में आठ बड़ी कंपनियों ने दिखाई रुचि
नई दिल्ली, रुमनी घोष। जो शोध (अनुसंधान किताब) जर्नल्स से निकलकर आम लोगों के जीवन को सुगम बनाने में जुट जाए, वही असली आविष्कार कहलाता है। ऐसे ही आविष्कार से मिलने वाली प्रसन्नता की झलक आईआईटी मद्रास के निदेशक डॉ. वी. कामकोटि के चेहरे पर देखी जा सकती है।

हाल ही में उन्होंने आईआईटी मद्रास के सहयोग से तैयार स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम 'भरोस' (भार-ओएस) देश को सौंपा। अब एक और उपलब्धि यह है कि 'भरोस' लॉन्च होने के एक सप्ताह के भीतर ही आठ मोबाइल कंपनियों ने अपने हैंडसेट में इंस्टाल करने में रुचि दिखाई है। देश को तकनीकी आत्मनिर्भरता का सशक्त आधार दे रहा आईआईटी मद्रास करीब 300 नवोन्मेषों पर काम कर रहा है जो स्वदेशी तकनीक पर आधारित हैं।

यह पहला कदम, आगे बड़ी तैयारी

'दैनिक जागरण' से फोन पर बातचीत में डॉ. कामकोटि ने कहा कि व्यावसायिक व नीतिगण कारणों से अभी भरोस में रुचि दिखाने वाली आठ कंपनियों के नाम सार्वजनिक नहीं किए जा सकते हैं, लेकिन लॉन्चिंग के पहले सप्ताह में ही इतनी बड़ी कंपनियों का आगे आना बड़ी उपलब्धि है। 'भरोस' तो पहला कदम है। आने वाले समय में तीन सौ से अधिक नवोन्मेष देश को सौंपने की हमारी तैयारी है। डॉ. कामकोटि ने देश के लिए पहला स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर 'शक्ति' डिजाइन किया था।

वर्ष भर में शुरू हो जाएगा प्रयोग

डॉ. कामकोटि ने बताया कि कंपनियों का रुझान देखते हुए हम अंदाजा लगा रहे हैं कि वर्ष भर के भीतर इसका प्रयोग शुरू हो जाएगा। हम उस दिन की प्रतीक्षा कर रहे हैं जब मोबाइल में एंड्रायड या आईओएस की तरह भरोस ऑपरेटिंग सिस्टम भी डिफाल्ट फीचर की तरह इंस्टाल होने लगेगा। उम्मीद है कि यह जल्दी ही होगा।

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एथिकल हैकर्स ने परखी डाटा सुरक्षा

भरोस कितना सुरक्षित है? इस प्रश्न पर डॉ. कामकोटि का कहना है कि इसे लॉन्च करने से पहले हमने एथिकल हैकर्स के साथ इसके सुरक्षा फीचर्स को परखा था। तीन स्तर पर कोशिशों के बावजूद भरोस से डाटा हैक नहीं किया जा सका। समझा जा सकता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला हो या फिर आम मोबाइल उपभोक्ता की जानकारी, सभी डाटा भरोस में सुरक्षित रहेगा।

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अमृतकाल में तकनीक के क्षेत्र में शीर्ष दस देशों में होगा भारत

डॉ. कामकोटि ने कहा कि वर्ष 2047 तक भारत तकनीक के क्षेत्र में विश्व के दस शीर्ष देशों में होगा। इसका असर अगले पांच से दस वर्ष के भीतर दिखने लगेगा। हमने माइक्रोप्रोसेसर बनाया है, स्वदेशी चिप का निर्माण किया है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022 में ग्लोबल इनोवेशन सूचकांक में भारत की रैंकिंग 40वीं थी।

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