कोरोना वायरस से बुजुर्ग और बेसहारों को सबसे ज्यादा खतरा, ऐसे करें मदद
इंडिपेंडेंट के अनुसार संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए जरूरी है कि ऐसे लोगों को बाहर निकलने की नौबत नहीं आए। यह सुनिश्चित करने के लिए सक्षम लोगों को कुछ उपाय भी करने होंगे।
By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Tue, 07 Apr 2020 09:58 AM (IST)
नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना लॉकडाउन के कारण सभी लोग घरों में रहने को मजबूर हैं। परेशान भी हैं। लेकिन बुजुर्ग और बेघर जैसे ज्यादा जोखिम वाले लोगों की परेशानियां सामान्य से बढ़कर हैं। इसलिए ऐसे जरूरतमंद लोगों का खास ध्यान रखा जाना जरूरी है। इंडिपेंडेंट के अनुसार संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए जरूरी है कि ऐसे लोगों को बाहर निकलने की नौबत नहीं आए। यह सुनिश्चित करने के लिए सक्षम लोगों को कुछ उपाय और प्रयास भी करने होंगे।
एज यूके की निदेशक कैरोलिन अब्राहम्स, कुछ अन्य विशेषज्ञ तथा कैंपेन एन्ड लोन्लीनेस के लोग कुछ ऐसे टिप्स बता रहे हैं, जिनसे सक्षम लोग अपने आसपास के बुजुर्गों तथा अन्य जोखिम वाले लोगों की मदद कर उन्हें घर से निकलने को मजबूर नहीं होने दें। ऐसा करने से संक्रमण का खतरा टालने के साथ ही धर्मार्थ काम भी हो जाएगा।
बेघरों की भी करें मदद : लॉकडाउन के कारण काम-धंधा चौपट है। कई लोग बेघर भी हैं। खुले आसमान के नीचे भूखे रहने को मजबूर हुए हैं। ऐसे लोगों के लिए खाने का इंतजाम करने के लिए स्वैच्छिक रूप से फूड बैंक बनाया जा सकता है। इस उपाय से बेघरों को खाने के लिए इधर-उधर भटकने से रोका जा सकेगा।संवाद के लिए डिजिटल तरीके अपनाएं : सरकार ने शारीरिक दूरी की बात कही है, जिसमें आमनेसामने का संवाद कठिन हो सकता है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि सामाजिक तौर पर कट जाएं। इंडिपेंडेंट के अनुसार खास दिक्कत उन बुजुर्गों के लिए है, जो तकनीक से बहुत ज्यादा वाकिफ नहीं हैं। ऐसे लोगों के लिए कोई ऐसा रचनात्मक उपाय करना चाहिए, जिससे संपर्क बना रहे और उनका मनोबल बना रहे। वैसे तो आमतौर पर फोन, ऑनलाइन या पोस्ट के जरिए संपर्क रखना आसान है। अहम यह है कि कम से कम जोखिम वाले तरीके अपना कर लोगों के संपर्क में रहें और उन्हें संसूचित रखें।
पता करें उनकी जरूरतें : यदि आपके पड़ोस में कोई ऐसा परिवार है, जिसमें सिर्फ बुजुर्ग ही हैं तो सबसे पहले उनकी जरूरतों का पता करें। इसके लिए एप या मोबाइल फोन का इस्तेमाल करें। या फिर बुजुर्ग के दरवाजे के बाहर कोई कार्ड भी लगा सकते हैं, जिस पर वे अपनी जरूरत के सामानों के नाम लिख दें। यदि आपको वायरस फैलने का डर हो तो वे सामान दरवाजे पर ही रख दें।
अकेलापन दूर करने की करें कोशिश : बुजुर्गों का अकेलापन दूर करने के लिए वाट्सएप ग्रुप पर नियमित रूप से सूचनाएं शेयर करते रहें। वीडियो कॉल करें, फेसबुक पर पोस्ट भी डालें। यदि आपको पता हो कि पड़ोसी ट्विटर या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं तो इनका भी इस्तेमाल करें। जरूरत हो तो एप का भी उपयोग करें।एक्टिविटी और मूवमेंट को प्रोत्साहित करें : घरों में बंद बुजुर्गों के लिए मानसिक परेशानी के साथ ही उनके मूवमेंट और एक्टिविटी में भी कमी आ जाती है। यह उनके शारीरिक स्वास्थ्य पर भी असर डालता है। इसलिए उन्हें शारीरिक तौर पर सक्रिय रहने के लिए प्रेरित करने की जरूरत है। ऐसे में उनकी रुचि या आदतों के अनुरूप वैसे सामान उपलब्ध करा सकते हैं, जिनसे वे काम में लगे रह कर अपनी एक्टिविटी बनाए रखें और अकेलापन भी महसूस नहीं करें। इसके लिए घरों के अंदर लगे पौधों की देखभाल कर प्रकृति से संवाद बनाना भी एक अच्छा तरीका है।
संभव हो तो समय भी दें : जिन लोगों को पूरी तरह से खुद आइसोलेट रहने की जरूरत नहीं है, वे शारीरिक तौर पर भी मदद कर सकते हैं। इसमें सक्षम संगठनों के स्वयंसेवक शामिल हो सकते हैं। ऐसे लोगों का ग्रुप बनाया जा सकता है, जो दूसरों की मदद के लिए स्वैच्छिक रूप से समय दे सकते हैं। इसके तहत बाजार से सामान लाने, लोगों के लिए खाना बनाने, उनका वितरण जैसे काम किए जा सकते हैं। कई संगठन इन कामों में लगे हैं। आप भी उनसे जुड़कर मदद का हाथ बढ़ा सकते हैं।
खाना, स्वच्छता सामग्री की मदद दें : संपन्न लोग अभी अपने लिए दैनिक जरूरत के सामान को घरों में भर रहे हैं। इस प्रवृत्ति को हतोत्साहित किया जाना चाहिए। ऐसे में फूड बैंक अन्य सामानों के दान में कमी देखी गई है। जरूरत है कि फूड बैंक में अपना सहयोग बढ़ाएं। पता करें कि किस फूड बैंक में किस चीज की कमी है और आप क्या सहयोग कर सकते हैं। कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए स्वच्छता भी जरूरी है। बार-बार हाथ धोने, मास्क पहनने आदि की सलाह दी जाती है। इसके लिए जरूरतमंदों को साबून, मास्क और सैनिटाइजर भी दे सकते हैं।
दिल खोलकर करें दान : किसी भी धर्मार्थ कार्य के लिए दान बहुत अहम होता है। इसके बगैर बड़े पैमाने पर मदद का अभियान चलाना मुश्किल होता है। आप कोरोना संकट से निपटने में संसाधनों की तंगी दूर करने के लिए सरकार या स्वयंसेवी संगठनों को दान देकर नेक काम कर सकते हैं। कई सरकारों और संगठनों ने इसके लिए ऑनलाइन दान का भी विकल्प उपलब्ध कराया है, जिससे आप घर बैठे ही सहयोग राशि दे सकते हैं।
ऑनलाइन डर न फैलाएं : इन दिनों जब हम अपने घरों में बैठे हैं तो जाहिर तौर पर ऑनलाइन ज्यादा समय देते हैं। डिजिटल तरीके से संवाद करते हैं। इसलिए जरूरी है कि किसी को कोई भी सूचना देने से पहले उसका संदर्भ जान लें और उसकी पुष्टि भी कर लें। जब आप सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हों तो यह ध्यान रखें कि फिलहाल लोग अकेलापन महसूस कर रहे हैं, ऐसे में आपका संदेश किसी के लिए संत्रास या भय पैदा करने वाला नहीं हो। कोई ऐसी अपुष्ट बात या अफवाह नहीं फैलाएं, जो किसी के लिए परेशानी या अनावश्यक डर पैदा करे।