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आपरेशन से आंख की रोशनी गंवाने वाले बुजुर्ग को 21 साल बाद मिला न्याय, आरोपी को दो महीने के अंदर मुआवजा दिए जाने का दिया निर्देश

Elderly man lost Eyesight वर्ष 2002-2003 में जैन की आंख के आपरेशन में भारी चूक के चलते उनको उस आंख से दिखना एकदम बंद हो गया। चिकित्सक को दोषी मानते हुए वर्ष 2008 में फरीदाबाद की जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने जैन को दो लाख रुपये का मुआवजा सालाना 12 प्रतिशत के ब्याज के साथ देने का आदेश दिया था।

By Agency Edited By: Babli Kumari Updated: Wed, 31 Jan 2024 09:27 PM (IST)
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21 साल बाद 84 साल के एक बुजुर्ग को मिला न्याय (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, आइएएनएस। बाईं आंख के गलत आपरेशन से रोशनी जाने के 21 साल बाद 84 साल के एक बुजुर्ग को सुप्रीम कोर्ट ने दो लाख रुपये का हर्जाना सालाना 12 प्रतिशत के ब्याज के साथ दिया है। कोर्ट ने पीड़ित को यह भुगतान दो महीने के अंदर किए जाने का निर्देश दिया है। जस्टिस बीआर गवई और संदीप मेहता की खंडपीठ ने आपरेशन करने वाले डा.आरपी सिंह पर जुर्माना अदा कर देने की झूठी जानकारी देने पर भी पचास हजार रुपये का अतिरिक्त जुर्माना लगाया है। सारी धनराशि दोषी चिकित्सक को पीड़ित को देनी है।

वर्ष 2002-2003 में जैन की आंख के आपरेशन में भारी चूक के चलते उनको उस आंख से दिखना एकदम बंद हो गया। चिकित्सक को दोषी मानते हुए वर्ष 2008 में फरीदाबाद की जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने जैन को दो लाख रुपये का मुआवजा सालाना 12 प्रतिशत के ब्याज के साथ देने का आदेश दिया था।

यह राशि शिकायत दर्ज कराने की तारीख से लेकर फैसला आने तक की तारीख का देने था। लेकिन मामला राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ब्याज को 12 प्रतिशत से कम कर छह प्रतिशत कर दिया।

12 प्रतिशत से कम कर छह प्रतिशत

इसके बाद 29 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में दोषी डाक्टर को दो महीने के अंदर दो लाख रुपये के साथ अब तक का ब्याज 12 प्रतिशत की दर से देने को कहा है। ऐसा नहीं करने पर ब्याज की दर 15 प्रतिशत हो जाएगी। इससे पहले, मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया की एथिक्स कमेटी ने डा. सिंह को दोषी मानते हुए उनका नाम छह महीने के लिए इंडियन मेडिकल रेजिस्टर से हटा दिया था।

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