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Election Commission: चुनाव आयोग ने आम चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले की सुरक्षा समीक्षा, 3.4 लाख जवानों की मांग

चुनाव आयोग ने आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सुरक्षा कर्मियों की देशभर में तैनाती और आवाजाही के मुद्दे पर गृह मंत्रालय और रेलवे के अधिकारियों के साथ बैठक की। माना जा रहा है कि बैठक में आयोग के शीर्ष अधिकारियों ने गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ आंध्र प्रदेश ओडिशा सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने संभावना पर चर्चा की।

By Jagran News Edited By: Abhinav Atrey Updated: Fri, 08 Mar 2024 11:50 PM (IST)
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चुनाव आयोग ने आम चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले की सुरक्षा समीक्षा। (फाइल फोटो)
पीटीआई, नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सुरक्षा कर्मियों की देशभर में तैनाती और आवाजाही के मुद्दे पर गृह मंत्रालय और रेलवे के अधिकारियों के साथ बैठक की। माना जा रहा है कि बैठक में आयोग के शीर्ष अधिकारियों ने गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ आंध्र प्रदेश, ओडिशा, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने संभावना पर चर्चा की।

चुनाव आयोग का प्रतिनिधित्व मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और साथी चुनाव आयुक्त अरुण गोयल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने किया। बैठक में आयोग ने ड्यूटी के लिए तैनात किए जाने वाले केंद्रीय बलों की समय पर आवाजाही की आवश्यकता पर बल दिया।

सुरक्षाकर्मियों की आवाजाही के लिए अच्छे डिब्बों पर जोर

आयोग ने सुरक्षाकर्मियों की आवाजाही के लिए अच्छे डिब्बों की जरूरत पर भी जोर दिया। आयोग ने वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों समेत विषम परिस्थिति वाले इलाकों में केंद्रीय बलों की तैनाती के लिए पर्याप्त संख्या में हेलीकॉप्टरों की भी मांग की।

चुनाव के लिए 3.4 लाख जवानों की मांग

आयोग ने लोकसभा चुनाव और चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए 3.4 लाख केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के जवानों की मांग की है। बता दें कि गत दिसंबर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को 30 सितंबर तक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश दिया था।

कई राज्यों में चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ होंगे

आंध्र प्रदेश, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम विधानसभाओं के कार्यकाल जून में अलग-अलग तारीखों पर समाप्त हो रहे हैं और राज्यों में चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ होंगे। हालांकि जम्मू-कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और 2019 में जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशो में विभाजित किए जाने के बाद यह पहला चुनाव होगा।

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