Move to Jagran APP

चुनाव याचिका दायर करने की समय सीमा तय हो, निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से लगाई गुहार

निर्वाचन आयोग ने असम केरल दिल्ली पुडुचेरी तमिलनाडु और बंगाल के विधानसभा चुनाव से संबंधित चुनाव याचिकाएं दाखिल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से समय सीमा तय करने का अनुरोध किया है। यही नहीं आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका पर शीघ्र सुनवाई का आग्रह किया है...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Thu, 02 Sep 2021 12:31 AM (IST)
Hero Image
निर्वाचन आयोग ने चुनाव याचिकाएं दाखिल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से समय सीमा तय करने का अनुरोध किया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। आयोग ने असम, केरल, दिल्ली, पुडुचेरी, तमिलनाडु और बंगाल के विधानसभा चुनाव से संबंधित चुनाव याचिकाएं दाखिल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से समय सीमा तय करने का अनुरोध किया है। यही नहीं आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका पर शीघ्र सुनवाई का आग्रह करते हुए कहा कि छह राज्यों के विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल की गई ईवीएम और वीवीपैट का उपयोग नहीं हो पा रहा है।

प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस एएस बोपन्ना की तीन सदस्यीय पीठ से आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि बड़ी संख्या में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वोटर वेरिफाइड पेपर आडिट ट्रेल मशीन (वीवीपैट) का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है जबकि आगामी चुनावों के लिए आयोग को इनकी जरूरत है।

सिंह की दलील सुनने के बाद पीठ ने कहा कि इस याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई की जाएगी। गौरतलब है कि एक आदेश के तहत कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान चुनाव याचिका सहित अन्य याचिकाएं दायर होने के कारण इन्हें संरक्षित रखने की समय सीमा बढ़ा दी गई थी। प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने 27 अप्रैल 2021 को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत समयसीमा बढ़ाई थी।

वहीं समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक निर्वाचन आयोग के शीर्ष अधिकारियों ने पश्चिम बंगाल समेत उन विभिन्न राज्यों में स्थिति का जायजा लिया जहां लोकसभा और विधानसभा के उपचुनाव होने हैं। रिपोर्ट के मुताबिक निर्वाचन आयोग ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया आयोजित करने को लेकर बैठक की। सूत्रों ने बताया कि इस बैठक का मकसद कोरोनो महामारी, बाढ़ और अन्य समस्‍याओं के कारण राज्यों में मौजूद चुनौतियों का पता लगाना था। सूत्रों की मानें तो आयोग ने राज्यों से वहां कानून व्यवस्था की स्थिति के बारे में जानकारी मांगी है।

इस बीच चुनाव के बाद हिंसा के मामले में पश्चिम बंगाल सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और कलकत्ता हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी जिसमें राज्य में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के दौरान दुष्‍कर्म और हत्या जैसे मामलों में राष्‍ट्रीय मानवाधिकार आयोग की समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने के बाद सीबीआई जांच का निर्देश दिया गया है। पश्चिम बंगाल सरकार ने दलील दी है कि उसे केंद्रीय एजेंसी सीबीआइ से निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं है।